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डिजिटल बाजार के मामले में सभी के लिये एक जैसा रुख काम नहीं करता: सीसीआई चेयरपर्सन

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Bhasha
भारत ने 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए: डब्ल्यूटीओ

नयी दिल्ली, तीन जनवरी (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के चेयरपर्सन अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि डिजिटल बाजार के मामले में सभी के लिये एक समान रुख काम नहीं करता और तथ्यों के आधार पर मामलों का आकलन समय की जरूरत है। डिजिटल खंड में अनुचित व्यापार गतिविधियों की आशंका को लेकर चिंता के बीच उन्होंने यह बात कही है।

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सीसीआई डिजिटल बाजार पर करीब से नजर रख रहा है और उसने अन्य कदमों समेत ई-वाणिज्य खंड में विस्तृत अध्ययन किया है।

गुप्ता ने इस बात को स्वीकार किया कि डिजिटल बाजार की नेटवर्क प्रभाव और डेटा से जुड़ी जो विशेषताएं हैं, उसको देखते हुए गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों की आशंका बढ़ी है।

हाल में ई-मेल के जरये पीटीआई-भाषा को दिये साक्षात्कार में गुप्ता ने कहा कि डिजिटल बाजार की विशेषताओं के कारण इस क्षेत्र में सभी के लिये एक समान रुख कारगर नहीं होगा।

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उन्होंने कहा, ‘‘सवालों के घेरे में आये मामले, बाजार और प्रौद्योगिकी के तथ्यों के आधार पर सूक्ष्म आकलन और विश्लेषण जरूरी है। भारत में नियामकीय ढांचा काफी मजबूत है, अत: भारत का प्रतिस्पर्धा कानून एक व्यापक रूपरेखा के भीतर लचीलापन उपलब्ध कराता है।’’

गुप्ता ने कहा कि किसी भी अन्य प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण की तरह सीसीआई के लिये चुनौती यह सुनिश्चित करने की है कि ये डिजिटल बाजार नई इकाइयों के लिये खुले हों और डिजिटलल मंचों के बीच गुणों के आधार पर स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा हो।

आयोग जिन अध्ययनों पर काम कर रहा है या जिसका प्रस्ताव है, उसमें से एक डिजिटल बाजार में विलय और अधिग्रहण से जुड़ा है। इसका मकसद उभरती प्रवृत्तियों को समझना है।

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भाषा

रमण महाबीर

महाबीर

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