भोपाल। दुनिया के हर मां- बाप अपनी बेटियों की शादी को लेकर कई ख्वाब संजोते हैं। अमीर से लेकर गरीब तक हर मां बाप की चाहत होती है कि वो अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करें और इस अनमोल क्षण को उसके जीवन का सबसे यादगार पल बना दें। लेकिन कई बार आर्थिक तंगी और परेशानी इस सपने को चकनाचूर कर देती हैं। राजधानी भोपाल में भी एक मजबूर मां-बाप के इस सपने के आगे गरीबी रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। आर्थिक तंगी से जूझ रहे गरीब परिवार के लिए सांसद प्रज्ञा ठाकुर फरिस्ता बनकर सामने आई है। सांसद साध्वी ने दोनों बेटियों की डोली अपने बंगले से विदा करने का फैसला किया है। 7 जुलाई को यह शादी सांसद के बंगले पर धूमधाम से संपन्न होगी।
दरअसल राजधानी भोपाल के टीला जमालपुरा में रहने वाले नर्मदा प्रसाद मिश्रा अपनी पत्नी के साथ मजदूरी कर घर का गुजारा चलाते हैं। नर्मदा प्रसाद के घर में उनकी दो बेटियां चंचल और संध्या भी हैं। दोनों बेटियों की उम्र शादी करने लायक होने के बाद नर्मदा प्रसाद ने उनके लिए उज्जैन के नानूखेड़ा गांव में एक किसान परिवार के बेटों को पसंद किया। लेकिन गरीब मां- बाप की मजबूरी ऐसी की उनके पास अपनी बेटियों को देने के लिए पांच बर्तन तक नहीं थे।
कोरोना के कारण आर्थिक संकट से जूझ रहा था परिवार
कोरोना के कारण लॉक डाउन लगने की वजह से काम धंधा चौपट होने से घर चलाना भी मुश्किल हो रहा था। ऐसे में अपनी बेटियों के लिए योग्य वर मिलने के बाद भी शादी नहीं कर पाने का गम इस गरीब परिवार को परेशान कर रहा था। ऐसे में एक दिन बुजुर्ग माता- पिता मदद की गुहार लेकर भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के पास पहुंचे। उन्होंने अपना पूरा दुखड़ा सांसद प्रज्ञा को कह सुनाया और आर्थिक सहायता की मांग की।
गरीब बुजुर्ग का दुख सुनने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने कुछ ऐसा कहा जिससे दुख में डूबे मां बाप की आंखों में चमक आने के साथ उनकी चिंता भी दूर हो गई। सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने गरीब माता पिता को निश्चिंत करते हुए खुद दोनों लड़कियों के विवाह का जिम्मा उठाया। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी हम करवा देंगे और शादी में होने वाला पूरा खर्चा भी सांसद उठाएंगी। सांसद के आश्वासन के बाद बुजुर्ग मां बाप के चेहरे खुशी से खिल उठे। 7 जुलाई को दोनों लड़कियों की बारात सांसद प्रज्ञा के 74 बंगला स्थित निवास बी 29 पर आएगी और शादी के बाद दोनों गरीब बेटियों की डोली भी यहीं से विदा होगी।