सोनिष वशिष्ठ, डबरा। प्रदेश में विकास के दावे तो नेताओं के मुंह से अक्सर ही आपने सुने होंगे। साथ ही सीएम शिवराज सिंह की अमेरिका मप्र की सड़कों को लेकर दी जाने वाली वह स्पीच भी सभी को पता है। जिसमें उन्होंने कहा था कि मप्र की सड़कें अमेरिका से भी अच्छी हैं। प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता की तो बात ही दूर है सड़कें न होने पर ही कई क्षेत्रों में ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है। हाल ही में शहडोल में गर्भवती महिला को नदी पार कर अस्पताल पहुंचाना पड़ा था क्योंकि सड़क नहीं होने के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच पा रही थी। अब ग्वालियर जिले के खेड़ी रायमल गांव में भी ग्रामीणों को मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है। क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं है। खेड़ी रायमल गांव का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में ग्रामीण कंधों पर शव को रखकर नदी पार कर रहे हैं। ग्रामीणों को मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है। यह तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीरें और वीडियो प्रदेश के विकास की पोल खोलती नजर आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक इस गांव में रविवार को 85 वर्षीय वृद्ध उत्तम सिंह जाट पुत्र राम सिंह जाट की मौत हो गई थी। उत्तम के शव को मुक्तिधाम तक ले जाने के लिए ग्रामीणों को नोन नदी में गर्दन तक भरे पानी के बीच से निकालकर मुक्तिधाम जाना पड़ा।
नदी पार करना जान पर खेलने के बराबर
ग्रामीणों ने बताया कि यहां सड़क नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। अस्पताल जाना हो या फिर अंतिम यात्रा निकालना हो। यहां सड़क के कारण काफी परेशानी होती है। ग्रामीणों ने बताया कि नदी बारिश के समय काफी उफान पर आ जाती है। ऐसे में अस्पताल पहुंचने के लिए भी ग्रामीणों को तैरकर जाना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि मुक्तिधाम की बाउंड्री भी टूटी-फूटी पड़ी हुई है। अंतिम संस्कार में जाने वाले लोगों के लिए ना तो बैठने की उचित व्यवस्था है और ना ही हैंडपंप लगा है। यहां तक की शेड भी नहीं है और ना ही गेट है। इसकी जानकारी प्रशासन को कई बार दी जा चुकी है। इसके बाद भी यहां आज तक कोई व्यवस्था नहीं दी गई है। खेड़ी रायमल पंचायत के रोजगार सहायक नरेंद्र पलास बताते हैं कि श्मशान घाट नदी के उस पार है। इस कारण अंतिम यात्रा निकालने में काफी परेशानी आती है। इसको लेकर कई बार नदी पर पुल बनाने का प्रस्ताव दे चुके हैं। इसके बाद भी आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।