इंदौर। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के सुपुत्र आकाश विजयवर्गीय द्वारा निगम अधिकारी की बल्ले से की गई पिटाई मामले में नया मोड़ आया है। इस मामले को लेकर पहले मुकदमा लिखाने और आकाश को न्यायिक हिरासत में भिजवाने वाले अधिकारी अपनी गवाही से मुकर गए हैं। उन्होने कहा है कि उन्हें नहीं पता किसने पीटा है। उन्होने देखा ही नहीं की आकाश ने पीटा या किसी और ने।
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय का मारपीट करते हुए एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में वह निगम अधिकारी से साथ मारपीट कर रहे हैं। यहां पर इंदौर के निगम अधिकारियों की टीम जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए आई थी। लेकिन आकाश विजयवर्गीय उनपर ही बरस पड़े। आकाश क्रिकेट बैट लेकर अधिकारियों पर हमला करने पहुंच गए और उनके साथ बदसलूकी करने लगे। इतना ही नहीं समर्थकों ने भी निगम अधिकारियों के साथ मारपीट की। कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय ने बल्ले से एक निगम कर्मचारी की पिटाई कर दी थी। निगम अधिकारी एक जर्जर मकान को ढहाने के लिए पहुंचे थे। तभी आकाश से उनकी बहस हो गई और मामला इतना बढ़ गया कि उन्होंने बल्ले से कर्मचारी की पिटाई कर दी थी। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। वह 2018 में पहली बार इंदौर-तीन से विधायक बने हैं।
दर्ज कराई थी FIR
इंदौर नगर निगम के 46 साल के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस ने शहर के एमजी रोड पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान ढहाने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान भाजपा विधायक मौके पर पहुंचे और कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहने लगे। उन्होंने नगर निगम के दल से कहा कि वह मकान ढहाने की कार्रवाई को नहीं होने देंगे। यदि दल 10 मिनट के अंदर यहां से नहीं गया तो उसे पीटकर भगा दिया जाएगा।