रायपुर। Raipur Sky Walk राजधानी रायपुर में एक बार फिर स्काई वॉक का मुद्दा गरमा गया है। दरअसल, 2018 में प्रदेश सरकार बदलते ही स्काई वॉक की गुणवत्ता चर्चाओं का विषय बनी हुई थी, जिसके बाद इसके लिए एक जांच समिति गठित की गई थी। करीब चार साल बाद समिति द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद एक बार फिर स्काई वॉक चर्चाओं का विषय बना हुआ है। दरअसल, जांच समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक अब इस स्काई वॉक को तोड़ा जाना अपव्यय की सूची में आ जाएगा, जिसके बाद इसका निर्माण पूरा किए जाने की बात जांच समति द्वारा कही जा रही है। जैसे ही स्काई वॉक को पूरा किए जाने की बात सामने आई तो इसे लेकर एक बार फिर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है।
स्काई वॉक बनाते समय लापरवाही
स्काई वॉक को लेकर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा का भी एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि स्काई वॉक को बनाते समय लापरवाही बरती गई है। सर्वेक्षण ठीक से नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया है कि स्काईवॉक की कोई जरूरत नहीं थी। इसके निर्माण के लिए उन्होंने गैरकानूनी करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसकी जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। ऐसी स्थिति में हमारी समिति ने एक रिपोर्ट पेश की है। हमारा मानना है कि इसे तोड़ने में कम से कम 50 करोड़ रुपए और खर्च होंगे। इसीलिए इस स्काईवॉक का सदुपयोग होना चाहिए। हमने सरकार से कहा है कि इसमें जनता का पैसा लगा है। अब सरकार जो भी निर्णय ले हम अपना रिपोर्ट पेश कर चुके हैं।
सरकार-समिति पर गंभीर आरोप
इधर, स्काई वॉक को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर का बयान भी सामने आया है। सरकार और समिति पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि कांग्रेस जानबूझकर लागत बढ़ाकर इसे रिटेंडर करेगी। उन्होंने कहा कि सत्यनारायण शर्मा की कमिटी बनी और उस दौरान मैंने कहा था कि एक दिन ये भ्रष्टाचार का कारण बनेगा। चंद्राकर ने कहा कि तर्क चाहे जो भी दे पांच साल बाद ये एसेसमेंट आज क्यों आ रहा है? लागत बढ़ाने के लिए ही यह सब कुछ किया जा रहा है, ताकि उनको मौका मिल सके। पंचम विधानसभा का पहला सत्र हुआ और मुख्यमंत्री ने कहा कि स्काई वॉक को लेकर एक बैठक रखी है, मैं सबका मत लूंगा, लेकिन मत में कुछ नहीं हुआ।