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पीएम की मौजूदगी में हुआ केन-बेतवा परियोजना का ऐतिहासिक फैसला, 45 हजार करोड़ रुपए से होगा निर्माण, मप्र के इन जिलों की बदलेगी तस्वीर...

पीएम की मौजूदगी में हुआ केन-बेतवा परियोजना का ऐतिहासिक फैसला, 45 हजार करोड़ रुपए से होगा निर्माण, मप्र के इन जिलों की बदलेगी तस्वीर... The historic decision of the Ken-Betwa project, made in the presence of PM, will be constructed with 45 thousand crore rupees, the picture of these districts of Madhya Pradesh will change

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Bansal News
पीएम की मौजूदगी में हुआ केन-बेतवा परियोजना का ऐतिहासिक फैसला, 45 हजार करोड़ रुपए से होगा निर्माण, मप्र के इन जिलों की बदलेगी तस्वीर...

नई दिल्ली। लंबे समय से विवादित केन-वेतवा परियोजना का पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समझौता हुआ। आज पीएम मोदी और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री की मौजूदगी में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने इस ऐतहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। लंबे समय से विवादों में रहने वाली इस परियजोना की नींव पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के शासन काल में रखी गई थी। इसके बाद से लगातार उप्र और मप्र सरकार के बीच विवाद चलते रहे। अब जाकर लंबे समय के इंतजार के बाद इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना के बाद मप्र और उप्र के कुछ जिलों को काफी फायदा मिलेगा। यह परियोजना अटल बिहारी बाजपेई के समय में शुरू की गई थी। इसके बाद लगातार यह विवादों में रही। इस योजना को लेकर दोनों राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। अब आज जाकर इस योजना के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

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4500 करोड़ की लागत से बनेगी और इन जिलों को मिलेगा फायदा...
दरअसल बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की भारी किल्लत देखने को मिलती है। इसी कारण इस योजना को लाया गया था। इस योजना के बाद से बुंदेलखंड के क्षेत्र में पानी की काफी सुगमता बनेगी। बुंदेलखंड का क्षेत्र मप्र और उप्र दोनों राज्यों में आता है। इस योजना की अनुमानित लागत लगभग 45000 करोड़ बताई जा रही है। इसका 90 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी। इसी खर्चे को लेकर दोनों राज्यों के बीच विवाद था। इसमें मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र शामिल है। केन-बेतवा लिंक परियोजना देश में अन्य स्थानों पर नदी जोड़ो परियोजना को लागू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस परियोजना के बाद से प्रतिवर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित हो जाएगी। साथ ही लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन भी संभव हो सकेगा। वहीं बुंदेलखंड में पानी की कमी से जूझ रहे कुछ जिले मप्र के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले तथा उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों में पानी की पूर्ति हो सकेगी। इससे सिंचित जमीन हो जाएगी जिससे कृषि में काफी लाभ देखने को मिलेगी।

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