जम्मू। जम्मू स्थित आधार शिविर से 3,000 से अधिक अमरनाथ यात्रियों का एक जत्था शनिवार सुबह कश्मीर के लिए रवाना हुआ। हालांकि, भारी बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो जगहों पर हुए भूस्खलन के मद्देनजर
जत्थे में शामिल यात्रियों को रामबन में कुछ देर के लिए रोका गया।
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मेहर और दलवास इलाकों में भूस्खलन होने की सूचना मिली थी। यह राजमार्ग कश्मीर को हर मौसम में देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने
वाला एकमात्र मार्ग है। अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन का मलबा हटाने के बाद राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही बहाल कर दी गई।
उन्होंने बताया कि 3,472 तीर्थयात्रियों का 20वां जत्था 132 वाहनों के काफिले में सवार होकर शनिवार तड़के जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर रवाना हुआ, लेकिन राजमार्ग बंद होने के कारण उसे चंद्रकोट में रोक दिया गया।
अधिकारियों के अनुसार, तीर्थयात्रियों को बाद में अमरनाथ गुफा मंदिर जाने के लिए कश्मीर घाटी की तरफ बढ़ने की अनुमति दे दी गई। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री दोपहर के आसपास बनिहाल पहुंचे। अधिकारियों के मुताबिक, 20वें
जत्थे में शामिल 3,472 तीर्थयात्रियों में से 2,515 ने अनंतनाग जिले के पहलगाम मार्ग से अमरनाथ गुफा की यात्रा करने के लिए पंजीकरण कराया है, जबकि 957 तीर्थयात्री गांदरबल जिले के बालटाल मार्ग से अमरनाथ गुफा पहुंचेंगे।
दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए एक जुलाई को तीर्थयात्रा शुरू होने के बाद से तीन लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। मौसम विभाग के अधिकारियों ने
कहा कि जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम स्तर की बारिश होने की सूचना मिली है। अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र-शासित प्रदेश में शनिवार को पूरे दिन बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है,
जबकि कठुआ जिले जैसे कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है।
उन्होंने कहा कि रविवार को छिटपुट स्थानों पर रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार, चिनाब नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण जम्मू के बाहरी इलाके अखनूर सेक्टर के घड़खल में गुज्जरों की एक
बस्ती शनिवार सुबह जलमग्न हो गई। उन्होंने बताया कि अखनूर में चिनाब नदी का वर्तमान जलस्तर 29.6 फुट है, जबकि बाढ़ चेतावनी स्तर 32 फुट है। अधिकारियों के मुताबिक, डोडा जिले में कोटा नाला के पास शनिवार तड़के बादल
फटने की घटना में थलीला-चिराला लिंक रोड का एक हिस्सा बह गया और क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए।
थाथरी के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अतहर अमीन जरगर ने कहा, “बादल फटने की घटना के कारण कोटा नाला में भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। हालांकि, इस दौरान कोई जनहानि होने की खबर नहीं है। सड़क से मलबा
हटाने और वहां जल्द से जल्द यातायात बहाल करने के लिए मशीनों और कर्मचारियों को तैनात किया गया है।” जरगर के अनुसार, राजमार्ग का डोडा-किश्तवाड़ हिस्सा, जो शिव पुल से थाथरी पेट्रोल पंप के बीच अवरुद्ध हो गया था, उसे
दोनों तरफ के यातायात के लिए खोल दिया गया है।
डोडा और किश्तवाड़ जिले के अधिकांश हिस्सों में शनिवार को तीसरे दिन भी मूसलाधार बारिश जारी रही, जिसके चलते चिनाब और उसकी सहायक नदियों-नीरू और कलनई में जलस्तर बढ़ गया। अधिकारियों ने लोगों को सतर्क रहने
और नदियों, नालों तथा अन्य संवेदनशील जगहों से दूर रहने की सलाह जारी की है।
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