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रत्न-आभूषण एद्योग चाहता है बजट में सोने पर आयात शुल्क घटा कर चार प्रतिशत रखा जाए

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Bhasha
भारत ने 2015-20 के दौरान व्यापार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए: डब्ल्यूटीओ

मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) रत्न एवं आभूषण उद्योग ने आगामी केंद्रीय बजट में सोने पर सीमा शुल्क को घटाकर चार प्रतिशत करने, स्रोत पर एकत्र किये गये कर (टीसीएस) को वापस लिये जाने, पॉलिस किए हुए बहुमूल्य एवं अर्ध-मूल्यवान रत्नों पर आयात शुल्क में कटौती किये जाने की मांग की है।

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अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू रत्न एवं आभूषण परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष आशीष पेठे ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' हम सरकार से सोने पर सीमा शुल्क को मौजूदा 12.5 प्रतिशत से घटाकर चार प्रतिशत करने का आग्रह करते हैं। यदि कर की दर इस स्तर पर नहीं रखी जाती है, तो यह तस्करी को बढ़ावा देना और लोगों को असंगठित व्यापार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ”

उन्होंने आगे सरकार से एचसीएन -71 (हार्मोनाइज्ड सिस्टम नोमेनक्लेचर) के तहत आने वाली जिसों को संग्रहित कर (टीसीएस) प्रावधानों के दायरे से बाहर रखने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि टीसीएस में अवरुद्ध धनराशि आयकर का भुगतान करने की क्षमता से 6.67 गुना अधिक है।

पेठे ने यह भी कहा कि रत्नों और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।

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रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष कॉलिन शाह ने सरकार से आग्रह किया है कि वह कीमती और अर्ध-कीमती रत्नों पर आयात शुल्क घटाकर 2.5 प्रतिशत करें, जो मौजूदा समय में 7.5 प्रतिशत है।

अपनी बजट सिफारिशों में, जीजेईपीसी ने सिंथेटिक रूप से तराशे और पॉलिश किए गए रत्नों पर आयात शुल्क को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने का भी सुझाव दिया है।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर

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