मेलबर्न। आपके मिजाज को भांप सकने वाली (360Info) और संवर्धित वास्तविकता (Augmented Reality) का इस्तेमाल कर उसे दृश्य रूप देने वाली तकनीक मस्तिष्क विज्ञान के नये क्षेत्र में पहला कदम है। ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के एक फ्लैट में चार्ली अपने साथी रॉबी की भाव-भंगिमाओं को साफ देख सकती हैं। रॉबी के चेहरे के भाव या हरकतें चार्ली की मदद नहीं कर रहे। उसका चेहरा संवर्धित-वास्तविकता की तकनीक वाले चश्मे से छिपा हुआ है। रंगीन पैटर्न रॉबी के चारों ओर घूमते हैं और उनके रंग तथा आकार बदलते हैं। चार्ली अपने स्वयं के संवर्धित-वास्तविकता सेट के माध्यम से इन पैटर्न को देख सकती हैं।
दोनों ही मस्तिष्क-संवेदी सॉफ़्टवेयर ‘नियो-नौमेना’ का उपयोग कर रहे हैं।ब्रेन-मशीन इंटरफेस को हाल ही में सहायक उपकरणों के रूप में नियोजित किया गया है, जो विभिन्न प्रकार के पक्षाघात से पीड़ित लोगों को गतिशीलता और संप्रेषण क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने लोगों को विचार की शक्ति से रोबोटिक अंगों, व्हीलचेयर और कंप्यूटर कीबोर्ड को नियंत्रित करने की सुविधा दी है। लेकिन नई पीढ़ी के मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस कृत्रिम बुद्धिमता के पैटर्न को समझने की उस क्षमता का लाभ उठा रहे हैं जो मस्तिष्क से भावनाओं जैसी अधिक जटिल जानकारी के राज खोल सकता है।
नियो नौमेना एक हैडसेट है जिसे मोनाश यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने विकसित किया है। यह उपकरण लोगों की खोपड़ी में विद्युतीय गतिविधियों का पता लगाकर उनकी भावनाओं को पढ़ लेता है। जब लोग हैडसेट के चश्मे से खुद को या दूसरे लोगों को देखते हैं तो बार-बार दिखने वाले रंग-बिरंगे पैटर्न से घिर जाते हैं जिन्हें फ्रैक्टल कहा जाता है। मस्तिष्क संवेदी प्रणाली लोगों के लिए उनकी भावनाओं को समझने और प्रभावी तरीके से मिलकर काम करने में मददगार होती है।