भारत का नया संसद भवन: भारतीय संसदीय इतिहास में 28 मई 2023 को खास दिन के तौर पर याद किया जाएगा। इस खास दिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन की नई इमारत, देश को समर्पित करेंगे।
रिकॉर्ड समय में बना संसद भवन
संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। बयान के अनुसार, अब संसद का नवनिर्मित भवन जहां एक ओर भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और ज्यादा समृद्ध करने का कार्य करेगा, वहीं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस भवन में सदस्यों को अपने कार्यों को और बेहतर तरीके से निष्पादित करने में सहायता मिलेगी।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा
संसद की नई इमारत का निर्माण दो साल पहले शुरू हुआ था। नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) की ओर से पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं।
लोकतांत्रिक विरासत होगी प्रदर्शित
इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। संसद के वर्तमान भवन का निर्माण 1927 में हुआ था।
नया संसद भवन भूकंपरोधी
नया संसद भवन पूरी तरह से भूकंपरोधी होगा और इसमें लेटेस्ट डिजिटल टेक्नोलॉजी पर काम होगा। नए संसद भवन के लिए यह प्रोजेक्ट टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड ने तैयार किया है। HCP डिजाइन, प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने इस नए भवन का डिजाइन तैयार किया है।
अधिक सीटों का इंतजाम
नए संसद भवन के अंतर्गत लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 550 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था है।
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