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Cryptocurrency को लेकर केंद्र सरकार लाने जा रही है कानून, जानें दूसरे देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नियम?

Cryptocurrency को लेकर केंद्र सरकार लाने जा रही है कानून, जानें दूसरे देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नियम? The central government is going to bring a law regarding cryptocurrency, know what are the rules regarding crypto in other countries? nkp

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Bansal Digital Desk
Cryptocurrency को लेकर केंद्र सरकार लाने जा रही है कानून, जानें दूसरे देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नियम?

नई दिल्ली। केद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी को लेकर बिल पेश करने वाली है। माना जा रहा है कि इस बिल में प्राइवेट क्रप्टोकरेंसी को बैन किया जा सकता है। या फिर उन्हें रेगुलेट करने के लिए सख्त नियम बनाए जा सकते हैं। क्रिप्टो बैन की खबर के बाद निवेशकों ने भी अपने पांव पीछे खींचे हैं। जब क्रिप्टो के नियमन की बात हो रही है तो एक बार देख लेते हैं कि दुनियाभर के बड़े देशों में क्रिप्टो को लेकर क्या स्टैंड है?

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1. अमेरिका

सबसे पहले बात करते हैं अमेरिका की। US में ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सकारात्मक रूख है। हालांकि, भारत की तरह ही वहां भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच समानांतर नियम चलते हैं, जिससे कि अलग-अलग राज्यों का रुख एक दूसरे और देश की सरकार से अलग हो सकता है। लेकिन क्रिप्टो पर जब तक वहां के फाइनेंशियल सिस्टम पर बुरा असर नहीं पड़ता, तबतक तो माहौल समर्थन वाला ही है। यहां अलग-अलग बिजनेस के अवसरों को जगह मिलती है, ऐसे में क्रिप्टो पर बैन की बात अभी यहां मुश्किल ही है।

2. यूनाइटेड किंगडम

यूके में भी, क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक वैध नहीं किया गया है, और न ही इसे विनियमित करने के लिए कोई बिल पेश किया गया है। हालांकि, यूके ने क्रिप्टो ट्रेडिंग में सौदा करने के लिए पंजीकृत व्यवसायों को लाइसेंस देने का प्रावधान रखा है। और जिस तरह से करेंसी ट्रेडिंग पर टैक्स लगता है, उसी तरह क्रिप्टो ट्रेडिंग पर भी यूके की तरह टैक्स लगाया जाता है।

3. चीन

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चीन बहुत सख्त है। इस साल के शुरुआती महीनों में बाजार को नीचे लाने में चीन का बड़ा हाथ है। चीन ने शुरू में क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार और माइनिंग की अनुमति दी थी, लेकिन इस साल उसने क्रिप्टो के खिलाफ सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया। पहले चीन ने क्रिप्टो माइनिंग बंद की और फिर इस साल जून में देश में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर रोक लगा दी। ऐसी खबरें थीं कि चीन की कार्रवाई के कारण, कई क्रिप्टो माइनर्स को अपना पूरा बुनियादी ढांचा देश से बाहर स्थानांतरित करना पड़ा। मालूम हो कि चीन अपनी मुद्रा युआन का डिजिटल वर्जन तैयार कर रहा है।

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4. यूरोपियन यूनियन

यूरोपीय संघ में 27 देश हैं। एक संगठन के रूप में संघ एक समान निर्णय ले सकता है, लेकिन 27 देशों के लिए एक समान रवैया रखना मुश्किल है, ऐसे में कुछ देश अलग रास्ता भी अपना सकते हैं। वैसे, अगर हम यूरोपीय संघ के अब तक के रुख को देखें, तो यूरोपीय आयोग ने पिछले साल सितंबर में क्रिप्टो-एसेट्स रेगुलेशन (MiCA) विधेयक में बाजार का मसौदा जारी किया था। जब यह बिल लागू होगा, तो क्रिप्टोकरेंसी को एक विनियमित वित्तीय साधन के रूप में देखा जाएगा, जिसके लिए नियामक निकायों की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

5. अल सल्वाडोर

अगर क्रिप्टोकरेंसी पर अलग-अलग देशों के रुख की बात करें तो अल साल्वाडोर की बात करना जरूरी है। यह दक्षिण अमेरिकी देश पहला देश है जहां बिटकॉइन को अमेरिकी डॉलर जैसी कानूनी मुद्रा का दर्जा दिया गया है। यहां राष्ट्रपति नायब बुकुले ने बिटकॉइन को देश में गरीबी कम करने और अधिक से अधिक लोगों को बैंकिंग नेटवर्क में लाने का एक तरीका बताया है। हालांकि उनके इस कदम का काफी विरोध भी हुआ है।

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