Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस कांड मामले को लेकर जबलपुर खंडपीठ में आज सुनवाई होगी। इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के 9 उच्च अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराकर केस चलाने का आदेश दिया था।
गैस पीड़ितों को लेकर जबलपुर HC ने सुनाया था बड़ा फैसला
कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों के स्वास्थ्य के मामले में 2012 के आदेश की अवमानना करने पर केंद्र और राज्य सरकार ने 9 अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कदम उठाने और न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 2 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया था।
साथ ही मामले में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया था। आज 17 जनवरी को कोर्ट में इस मामले में सुनवाई होगी। यह आदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस शील नागू और देवनारायण मिश्र की खंडपीठ ने दिया था।
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इन अधिकारियों पर हुई थी कार्रवाई
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, भोपाल मेमोरियल अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ. प्रभा देसिकान, भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव आरती आहूजा, तत्कालीन मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर रिसर्च ऑन एनवायर्नमेंटल हेल्थ के संचालक डॉ. आरआर तिवारी, अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, राज्य सूचना अधिकारी अमरकुमार सिन्हा, NICSI विनोदकुमार विश्वकर्मा और ICMR भारत सरकार के सीनियर डिप्टी संचालक आर. रामा कृष्णन पर कार्रवाई हुई है।
कोर्ट के इस आदेश का गैस पीड़ितों ने किया था स्वागत
भोपाल (Bhopal Gas Tragedy) ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की रचना ढिंगरा ने बताया था, कि न्यायपालिका के इस आदेश का हम सभी गैस पीड़ित संगठन सहित स्वागत करते हैं।
इस आदेश को एक मिसाल बनाना चाहिए। ताकि जिन अधिकारियों की वजह से सभी गैस पीड़ितों की स्वास्थ्य व्यवस्था की यह बुरी हालत हुई है, उन सभी को सजा मिल सके।
सभी अधिकारियों पर लगाए गए चार्ज में लिखा है, ‘सुप्रीम कोर्ट जुलाई 2023 की निगरानी समिति की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है, कि 10.5 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आप सभी प्रतिवादियों ने न्यायालय के निर्देशों का पालन करने में कोई तत्परता या ईमानदारी नहीं दिखाई है। आप सभी ने PIL की अवधारणा को एक मजाक बना दिया है। गैस पीड़ितों (Bhopal Gas Tragedy) को अंधकार में छोड़ दिया गया’।
भोपाल गैस कांड का ये था पूरा मामला
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 2-3 दिसंबर 1984 की रात में यूनियन कार्बाइड कारखाने से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। इस जहरीली गैस से हजारों लोग मौत की नींद सो गए थे। साथ ही लाखों लोगों को इससे बुरी तरह प्रभावित होना पड़ा था। भोपाल में हुए इस गैस कांड का दंश लोग आज भी झेलने को मजबूर हैं। गैस पीड़ित न्याय की गुहार लगाने सरकारों से लेकर न्यायालयों के चक्कर काट-काट कर थक गए, लेकिन उन्हें अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। जिसको लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी।
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