वायु गुणवत्ता निगरानी फर्म IQAir के अनुसार, इंडोनेशियाई की राजधानी जकार्ता, दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। जो कई दिनों से वर्ल्ड चार्ट में टॉप पर है, क्योंकि अधिकारी जहरीले धुएं को कम करने में विफल रहे हैं।
जकार्ता में नियमित रूप से PM2.5 का अस्वास्थ्यकर या कहें अन्हेल्थी स्तर दर्ज किया गया है, जो वायुमार्ग में प्रवेश करके सांस संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
अनुमान है कि वायु प्रदूषण हर साल सात मिलियन असामयिक (premature) मौतों का कारण बनता है, और संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे सबसे बड़ा पर्यावरणीय स्वास्थ्य जोखिम माना जाता है।
राजधानी और इसके आसपास लगभग 30 मिलियन लोगों का एक महानगर है, जिसने PM2.5 नामक छोटे कणों की सांद्रता के मामले में पूरे सप्ताह रियाद, दोहा और लाहौर सहित अन्य भारी प्रदूषित शहरों को पीछे छोड़ दिया है।
एएफपी (AFP) टैली के अनुसार, यह स्विस कंपनी IQAir की प्रदूषण डेटा की रैंकिंग में टॉप पर है। AFP टैली सोमवार से हर दिन केवल प्रमुख शहरों को ट्रैक कर रही है।
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा
राष्ट्रपति जोको विडोडो ने सोमवार को मीडिया से कहा कि वह “जकार्ता के बोझ” को कम करके प्रदूषण के स्तर को घटाने की योजना बना रहे हैं। क्योंकि, देश अगले साल अपनी राजधानी को बोर्नियो द्वीप पर नुसंतारा में मूव करने की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए जकार्ता में एक नियोजित मेट्रो ट्रेन नेटवर्क को “समाप्त किया जाना चाहिए”।
जनता परेशान
निवासियों ने शिकायत की है कि औद्योगिक धुंध, यातायात भीड़ और कोयले से चलने वाले प्लांट्स के कारण होने वाला प्रदूषण उनके जीवन और स्वास्थ्य को प्रभावित कर रहा है।
जकार्ता में 32 वर्षीय अधिकारी कर्मचारी एंजी वायोलिटा ने एएफपी को बताया, “मुझे हर समय मास्क पहनना पड़ता है। मेरा शरीर और चेहरा दोनों पीड़ित हैं।”
दो बच्चों की मां ने कहा, “पिछले हफ्ते मेरा पूरा परिवार एक हफ्ते के लिए बीमार था और डॉक्टर ने मुझसे कहा कि मुझे घर के अंदर ही रहना चाहिए।”
2021 में एक अदालत ने सरकार के खिलाफ कार्यकर्ताओं और नागरिकों द्वारा दायर मुकदमे के पक्ष में फैसला सुनाया।
विडोडो को शहर के वायु प्रदूषण को साफ करने का आदेश दिया और फैसला सुनाया कि वह और अन्य शीर्ष अधिकारी निवासियों की सुरक्षा में लापरवाही बरत रहे थे।
प्रदूषण कम करने के लिए
इंडोनेशिया ने 2023 से नए कोयला आधारित बिजली प्लांट्स का निर्माण बंद करने और 2050 तक कार्बन तटस्थ होने का वादा किया है।
लेकिन जन आक्रोश के बावजूद, सरकार जावा द्वीप पर विशाल सुरलाया कोयला संयंत्र का विस्तार कर रही है, जो दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े प्लांट्स में से एक है।
ग्रीनपीस इंडोनेशिया के अनुसार, राजधानी के 100 किलोमीटर (62 मील) के दायरे में 10 कोयला आधारित बिजली प्लांट्स काम कर रहे हैं।
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