नयी दिल्ली, 30 दिसम्बर (भाषा) पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित करीमुल हक की सैकड़ों लोगों को प्रेरित करने वाली कहानी ने अब किताब का रूप ले लिया है।
‘बाइक एम्बुलेंस दादा, द इंस्पायरिंग स्टोरी ऑफ करीमुल हक: द मैन हू सेव्ड 4000 लाइव्स’ हक की आधिकारिक बायोग्राफी है। इसे पत्रकार एवं सामाजिक उद्यमी बिस्वजीत झा ने लिखा है और इसका प्रकाशान ‘पेंगुइन’ ने किया है।
हक ने करीब 25 साल पहले अपनी मां को खो दिया था क्योंकि वह एम्बुलेंस का खर्चा नहीं उठा सकते थे और उस समय उनकी मां को अस्पताल ले जाने का कोई और साधन नहीं था। लेकिन जब हक के एक सहकर्मी की तबीयत खराब हुई तो उन्होंने इतिहास को खुद को दोहराने नहीं दिया।
चाय बागान में काम करने वाले हक ने अपर्याप्त ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं के कारण लोगों को होने वाली परेशानियां दूर करने की ठानी और मुफ्त बाइक एम्बुलेंस सेवा शुरू की।
बिस्वजीत झा ने कहा कि वह चाहते थे कि अधिक से अधिक लोग हक के निस्वार्थ काम के बारे में जाने, जिन्होंने जीवन भर भारी कष्ट और तमाम तरह की कमियों का सामना करने के बावजूद लोगों की मदद की।
लेखक ने कहा, ‘‘ हक का जीवन इस बात का प्रतीक है कि कुछ असाधारण करने के लिए एक असाधारण शख्स होने की जरूरत है। एक आम व्यक्ति भी अपने जीवन में असाधारण काम कर सकता है। उनका जीवन हम सभी के लिए एक प्रेरणा है।’’
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा