नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा (India-Chine border tension) पर जारी तनाव के बीच भारत ने सैन्य शक्ति में एक और सफलता हासिल की है। ओड़िशा (Odisha) में आज भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल (Hypersonic missile) का सफल परीक्षण किया। इस तकनीक को हासिल करने वाला भारत दुनिया का चौथा देश बन गया है। जिसने खुद की हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी विकसित करते हुए इसका सफल परीक्षण किया है। इससे पहले इस तकनीक को अमेरिका (America),रूस और चीन (China) तैयार कर चुके हैं।
DRDO ने की पुष्टि
डिफेंस रिसर्च ऐंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने ओडिशा के बालासोर में सोमवार को हाइपरसोनिक टेक्नॉलजी डिमॉन्स्ट्रेटर वीइकल का सफल परीक्षण किया। यह हवा में आवाज की गति से छह गुना ज्यादा स्पीड से दूरी तय करता है। ऐसा कहा जाता है कि दुश्मन देश के एयर डिफेंस सिस्टम को इसकी भनक तक नहीं लग सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर दी बधाई
इस सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने ट्वीट करते हुए लिखा- “मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए DRDO की टीम को बधाई देता हूं। मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की है और उन्हें बधाई दी। भारत को उन पर गर्व है”।
The @DRDO_India has today successfully flight tested the Hypersonic Technology Demontrator Vehicle using the indigenously developed scramjet propulsion system. With this success, all critical technologies are now established to progress to the next phase.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020
उन्होंने आगे कहा कि डीआरडीओ (DRDO) ने आज स्वदेशी रूप से विकसित स्क्रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम का उपयोग कर हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस सफलता के साथ, सभी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां अब अगले चरण की प्रगति के लिए स्थापित हो गई हैं।
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5 मिनट तक चली टेस्टिंग
इस मिसाइल को सोमवार सुबह 11.03 बजे लॉन्च किया गया। टेस्टिंग की प्रक्रिया करीब पांच मिनट तक चली।
ये है हाइपरसोनिक मिसाइल?
ये मिसाइल आवाज की रफ्तार से 5 गुना ज्यादा तेज चलती है। यह दो प्रकार की होती है। पहली हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल और दूसरी हाइपरसोनिक ग्लाइड वीइकल। ये मिसाइलें मिनटों में अपने लक्ष्य को पूरा करती हैं। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. जी सतीश रेड्डी ने कहा, यह देश की एक प्रमुख तकनीकी सफलता है। यह परीक्षण अधिक महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों, सामग्रियों और हाइपरसोनिक वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।