What Is Tender Voting: जैसा कि, आने वाले महीनों में चुनावी दौर शुरू होने वाला है वहीं पर इन दिनों अपनी पार्टी की जीत के लिए राजनीतिक पार्टियां सक्रिय है। ऐसे इस बार मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है तो वहीं 2024 वाला साल लोकसभा चुनाव के लिए रिजर्व है। इस बीच ही क्या आपने कभी टेंडर वोटिंग के बारे में जाना है आखिर यह किस प्रकार की वोटिंग प्रक्रिया होती है।
लिफाफे में बंद होती है काउंटिंग
आपको बताते चलें, टेंडर वोटिंग में, ईवीएम के बजाय लिफाफे में बंद होकर काउंटिंग के लिए भेजी जाती है जो सुरक्षित मानी जाती है। हर नागरिक के लिए अपने मत का प्रयोग करना जरूरी होता है वहीं पर वोटिंग प्रक्रिया में अक्सर कई बार फर्जी वोट पड़ते है जहां पर भीड़ या कंफ्यूजन की वजह से किसी और के नाम से कोई और वोट डाल देता है, ऐसी स्थिति से बचने के लिए ही टेंडर वोटिंग का प्रावधान सही माना जाता है।
जानिए कैसी होती है वोटिंग की प्रक्रिया
यहां पर मतदान के दिन इस वोटिंग प्रक्रिया की बात की जाए तो, यहां पर सबसे पहले आपको अपना पहचान पत्र लेकर पोलिंग बूथ पर पीठासीन अधिकारी के पास जाना होगा। यहां पर बूथ पर बैठे अधिकारी को बताना होगा कि आपने वोट नहीं डाला है, वो आपसे कुछ सवाल कर सकते हैं और कुछ दस्तावेज मांग सकते हैं, अगर आप सभी तरह के दस्तावेज जमा करते है तो ऐसा करने के बाद आपको वोट डालने की इजाजत दे दी जाएगी, लेकिन आप ईवीएम पर वोट नहीं डालेंगे, आपको बैलेट वोटिंग करनी होगी, इसी प्रक्रिया को टेंडर वोटिंग कहा जाता है।
पर्चे से आपका वोट होता है सुरक्षित
यहां पर टेंडर प्रक्रिया में आपको एक पर्चा दिया जाएगा, जिसमें तमाम पार्टियों के उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिन्ह होंगे, यहां पर आपको उसी पर्चे पर बताना है कि आप किसे चुन रहे हैं. इसके बाद पीठासीन अधिकारी इसे एक लिफाफे में सील कर देंगे और एक बक्से में रखेंगे। यह पूरी प्रक्रिया मतदान के लिए जरूरी होती है।
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