MP Employees News: मध्यप्रदेश में अस्थाई कर्मचारी 31 मार्च 2026 तक काम करते रहेंगे। सरकार ने अस्थाई पदों को 31 मार्च 2026 तक बनाए रखने का आदेश जारी किया है।
आदेश में क्या लिखा है ?
मध्यप्रदेश सरकार के आदेश में लिखा है कि राज्य शासन के अधीन अस्थाई पदों की निरंतरता के संबंध में समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य शासन द्वारा विचारोपरांत निर्णय लिया गया है कि वित्तीय वर्ष 2025-26 तक के लिए अस्थाई पदों की निरंतरता प्रदर्शन की जाती है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) September 6, 2024
मध्यप्रदेश में काम कर रहे लाखों अस्थाई कर्मचारी
मध्यप्रदेश में लाखों कर्मचारी अस्थाई तौर पर काम कर रहे हैं। इसमें आउटसोर्स कर्मचारी, संविदाकर्मी, अतिथि विद्वान, अतिथि शिक्षक और सरकारी कॉलेजों में कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं। ये सभी अस्थाई कर्मचारी समय-समय पर नियमितिकरण की मांग करते आ रहे हैं।
300 नंबर का होगा पेपर
वाणिज्यकर विभाग के नियमों के मुताबिक अस्थाई कर्मचारियों को 300 नंबर का पेपर देना होगा। 3 घंटे के पेपर में कर्मचारियों को कम से कम 150 नंबर लाना अनिवार्य रहेगा। नियमितिकरण में वरिष्ठता को आधार नहीं बनाया जाएगा। 150 नंबर लाने वाले कर्मचारी ही नियमित किए जाएंगे। SC-ST वर्ग के कर्मचारियों को 10 फीसदी अंकों की छूट मिलेगी। उनके लिए पासिंग मार्क्स 50 फीसदी की जगह 40 फीसदी रहेंगे। इसके साथ ही सीधी भर्ती में संविदाकर्मियों के लिए 20 फीसदी पद आरक्षित रहेंगे।
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विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने किया था ऐलान
मध्यप्रदेश सरकार ने 2023 विधानसभा चुनाव से पहले मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में एक सम्मेलन में संविदाकर्मियों के नियमितिकरण का ऐलान किया था। इसमें कहा गया था कि नियमित नियुक्तियों में संविदाकर्मियों को 50 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने भर्ती के नियम जारी किए थे।
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने क्या कहा ?
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में कहा था कि संविदा कर्मचारी केवल अनुबंध विस्तार के आधार पर स्थायी रोजगार की मांग नहीं कर सकता। एक संविदा कर्मचारी नियमितिकरण का दावा नहीं कर सकता है और केवल इसलिए कि उसने अपनी रोजगार की अवधि से अधिक काम किया है, उसे स्थायी कर्मचारी बनने का अधिकार नहीं देगा।