छत्तीसगढ़ में मानसून की सक्रियता कमजोर हो गई है। प्रदेश से मानसून की विदाई शुरू हो गई है। हालांकि प्रदेश के सरगुजा और बस्तर संभाग में कल बारिश के आसार हैं। इन संभागों में बारिश लोकल सिस्टम के एक्टिव रहने से होने की संभावना है। वहीं मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 15 अक्टूबर के बाद ठंडी का दौर शुरू हो जाएगा। अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में दिन व रात के तापमान में भी गिरावट शुरू हो जाएगी।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 8 अक्टूबर से सरगुजा व बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि इन दोनों संभागों के जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की व मध्यम बारिश की संभावना है। इसके अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में दिन के समय में धूप निकलेगी। वहीं तेज धूप के चलते लोगों को गर्मी और उमस से परेशानी भी हो रही है।
मानसून हुआ पूरी तरह से कमजोर
अब प्रदेश में मानसून की सक्रियता सामान्य से भी कम हो गई है। प्रदेश में एक दो स्थानों पर जरूर हल्की बारिश रिकॉर्ड की गई है। इस दौरान दंतेवाड़ा कटेकल्याण में 20 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। जबकि बस्तर संभाग के सुकमा और डोंगरगढ़ में दिन के समय में तेज धूप रहने से दिन का पारा 36 डिग्री सेल्सियस के आसपास रिकॉर्ड किया गया।
यहां पहुंचेगी मानसूनी रेखा
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार छत्तीसगढ़ से अब मानसून की वापसी हो रही है। प्रदेश में अब मानसून का असर नहीं है। 15 अक्टूबर के बाद से प्रदेश में ठंडी का दौर भी शुरू हो जाएगा। ऐसा इसलिए होगा, क्योंकि 15 अक्टूबर तक मानसून के प्रदेश से वापसी होने वाली रेखा रायपुर पहुंच जाएगी। इससे प्रदेश में मानसूनी बारिश का दौर खत्म होने के साथ ही ठंड की शुरुआत हो जाएगी। दिन व रात के तापमान में गिरावट शुरू हो जाएगी। हालांकि तापमान में उस तेजी से गिरावट नहीं होगी।
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अभी हवा में नमी और बादल
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्यों से मानसून लौट रहा है। इसकी रफ्तार भी तेज है। इसी के तहत अगले 10 दिनों में मध्य छत्तीसगढ़ से भी मानसून जा रहा है। मौसन की वापसी से प्रदेश में ठंडी हवाएं शुरू हो जाएंगी, क्योंकि मानसून के लौटने के साथ ही बादल साफ हो जाएंगे। इसी के साथ ही तापमान में भी औसतन पांच डिग्री तक गिरावट हो सकती है। फिलहाल हवा में नमी और बादलों के कारण उमस से लोगों को परेशानी हो रही है।
यहां बना हुआ है सिस्टम
इधर मानसून अभी भी सक्रिय है। ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती विस्तार पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक्टिव है। यह 1.5 से 4.5 किमी ऊंचाई तक है। इसके अलावा एक द्रोणिका झारखंड से मणिपुर तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित और एक्टिव है। इसी के चलते प्रदेश में एक दो स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। इसी के चलते प्रदेश के बस्तर और सरगुजा संभाग में बारिश की संभावना है।
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