Jabalpur Jameen Farjiwada Mamla: जबलपुर में आधारताल तहसील में फर्जी वसीयत बनाकर रैगवां की 5 करोड़ों से ज्यादा कीमत की जमीन हड़पने के मामले में बीते गुरुवार तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे को विजय नगर से गिरफ्तार किया गया था.
दरअसल जबलपुर के आधारताल तहसील में रैगवां की जमीन के लिए तहसीलदार और पटवारी ने नौकरी ताक पर रखकर फर्जीवाड़ा किया था. लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ सामने आया है.
इस मामले में शुक्रवार को आरोपी पटवारी जागेंद्र पीपरे व सहायक ग्रेड-3 अजय चौबे को कलेक्टर ने सस्पेंड कर दिया है. इतना ही नहीं तहसीलदार को भी कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया है.
एफआईआर पर किया विरोध शुरू
विजय नगर पुलिस ने जानकारी दी कि मॉडल टाउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवां में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर की मृत्यु के बाद शिवचरण का नाम उस जमीन के दस्तावेजों में दर्ज हुआ, लेकिन 8 अगस्त 2023 को उसका नाम खसरे से हटा दिया गया।
इस पर शिवचरण ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की। पुलिस की जाँच में ये बात सामनें आई कि अधारताल तहसील ऑफिस में कामकरने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे और पटवारी जागेंद्र पिपरे के संग फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।
दीपा ने महावीर की फर्जी वसीयत बनाकर जमीन को अपने पिता श्यामनारायण के नाम पर करवा लिया, जो कलेक्ट्रेट में ड्राइवर के पद पर कार्यरत थे। श्यामनारायण की मृत्यु के बाद, 26 जून 2024 को तहसीलदार कार्यालय से एक आदेश पारित कराकर जमीन दीपा ने अपने और भाई रविशंकर व अजय चौबे के नाम पर दर्ज कराई।
इसके बाद जमीन करमेता निवासी हर्ष पटेल और एकता नगर की अमिता पाठक को बेच दी गई। इस मामले में तहसीलदार धुर्वे, पटवारी पिपरे, कंप्यूटर ऑपरेटर दीपा, उनके भाई रविशंकर, अजय, और जमीन के खरीदार हर्ष और अमिता के खिलाफ केस दर्ज किया गया।