गुजरात दंगे के मामले में कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट दे दी है। बीजेपी का आरोप है कि एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ और उनके एनजीओ ने दंगा पीड़ितों के लिए एकत्र किए गए धन के दुरुपयोग और गबन किया है। गुजरात दंगे पर एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के अगले दिन गुजरात एटीएस की टीम मुंबई में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के घर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया है। जानिए कौन हैं यह चर्चित पत्रकरा-एक्टिविस्ट और क्या है गुजरात से कनेक्शन।
कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़
तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म महाराष्ट्र में 1962 में हुआ था। तीस्ता ने मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है और देश के नामी वकीलों के परिवार से आती हैं। उनके पिता अतुल सीतलवाड़ वकील थे और उनके दादा एमसी सीतलवाड़ देश के पहले अटॉर्नी जनरल थे। तीस्ता ने अपनी कानून की पढ़ाई बीच में छोड़कर पत्रकारिता की दुनिया में कदम जमाए और कुछ ही सालों में चर्चित पत्रकारों में शुमार की जाने लगी थीं। पत्रकार जावेद आनंद उनके पति हैं। सीतलवाड़ ने कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस नामक एनजीओ की शुरुआत की ती. साल 2007 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।
क्या है कनेक्शन?
तीस्ता सीतलवाड़ गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं। उन पर विदेश से आए पैसे के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का आरोप है। साल 2013 में अहमदाबाद स्थित गुलबर्ग सोसायटी के 12 निवासियों ने तीस्ता के खिलाफ जांच की मांग की थी। आरोप लगाने वालों का कहना था कि दंगा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए मिली करोड़ों की रकम का इस्तेमाल तीस्ता ने अपने एनजीओ को फायदा पहुंचाने के लिए किया है। तीस्ता ने गुलबर्ग सोसाइटी में एक म्यूजियम बनाने के लिए विदेश से करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा किए थे। उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं किया गया। साल 2014 में तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी।