Tears are good : आमतौर पर रोने या आंसू बहाने को लोग किसी भी व्यक्ति या महिलाओं की कमजोरी बताते हैं, लेकिन एक स्डटी में यह साबित हुआ है कि रोना किसी भी व्यक्ति की सेहत के लिए अच्छा होता है। किसी भी बात या परेशानी के चलते कुछ आंसू बहा देने से व्यक्ति को भावनात्मक दर्द को सहने की ताकत मिलती है। एक शोध के मुताबिक कुछ आंसू बहा देने से किसी भी इंसान के शरीर में ऑक्सीटोसिन के साथ ही एंडोर्फिन नाम के हॉर्मोन उत्पन्न होते हैं। इन हार्मोन का बनना किसी भी व्यक्ति के शरीर के लिए लाभदायी होते हैं। रोने पर हमारे शरीर से आंसुओं के साथ-साथ स्ट्रेस वाले हॉर्मोन भी निकल जाया करते हैं, जिसके बाद लोगों को मानसिक शांति और रिलेक्स हो जाने का अनुभव प्रदन होता है।
इस बारे में अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन का मानना है कि किसी भी व्यक्ति को कितनी बार रोना चाहिए इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं है, लेकिन हम ऐसे कह सकते हैं कि महिलाएं एक साल में 30 से 64 बार भावनात्मक तौर पर आंसू बहाती हैं। वहीं किसी भी पुरुष के लिए एक माह में पांच बार और साल में 17 बार रोना अच्छा होता है। हालांकि, ऐसा देखा गया है कि कई बार व्यक्ति रोने के बाद अपने आप को उदास महसूस करता है और बुरा फील करने लगता है, लेकिन यहां बता दें कि रोने के भी अपने फायदे हैं। इस संबंध में कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक आंसू बहा देने से कुछ हद से दिन से संबंधित बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। नीदरलैंड टिलबर्ग यूनिवर्सिटी द्वारा के रिसर्च की गई, जिसमें बताया गया है कि रोना बहुत जरूरी है, यह फायदेमंद है।
ऐसा मान जाता है कि अपनी परेशानियां अपनों के बता देने और कुछ आंसू बहा देने से हार्ट अटैक की संभावना को कम किया जा सकता है। इसके साथ ही रोने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। वहीं अच्छी नींद भी आती है। स्ट्रेस कम हो जाता है। अब यदि यहां हम बात करें रोने के क्या फायदे हैं तो यहां बता दें कि किसी भी महिला या पुरुष को रो देने से राहत मिलती है। इसके साथ ही किसी भी तरह के तनाव को भी कम किया जा सकता है। आंसू बहा देने से किसी भी व्यक्ति के इमोशन शेयर किए जा सकते हैं। इसके साथ ही ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान के सामने रोता है, आंसू बहाता है तो हमेशा ही भगवान उसकी सहायता करते हैं। किसी और के सामने उसे रोना नहीं पड़ता है। उसका भाग्य बदल जाता है।