रांची। Tata Motors: टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ का कहना है कि कंपनी अपनी इकाइयों को 2045 तक शुद्ध शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में स्थानांतरित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि कंपनी इसे हासिल करने के लिए इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन ईंधन प्रौद्योगिकी सहित कई प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही है।
2000 करोड़ का करेगी निवेश
अधिकारी ने कहा कि टाटा मोटर्स वाणिज्यिक वाहन खंड में सालाना 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश जारी रखेगी। वाघ ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, “टाटा मोटर्स 2045 तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को शुद्ध शून्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इसके तहत हमें अपने पूरे पोर्टफोलियो के लिए शून्य-उत्सर्जन वाहन प्रौद्योगिकियों की दिशा में भी काम करना होगा। हम कई वाहन प्रौद्योगिकियों पर यह सुनिश्चित करते हुए काम कर रहे हैं कि हमारे संयंत्र कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जित न करें या वे शुद्ध शून्य सीओ2 उत्सर्जन बन जाएं।”
टाटा ने दी ये जानकारी
उन्होंने कहा, “आज हमारे पास पांच स्थानों पर पांच संयंत्र हैं, जहां हमारे पास वाणिज्यिक वाहन संयंत्र हैं… दो स्थानों पर हमारे यात्री वाहन संयंत्र हैं। जैसा कि मैंने कहा था कि अधिकांश इकाइयों को अंत में शून्य-उत्सर्जन प्रौद्योगिकियों पर आधारित होना होगा, इसलिए धीरे-धीरे प्रत्येक इकाइयां इस ओर स्थानांतरित होनी शुरू हो जाएंगी।
हमने 2045 तक शुद्ध शून्य ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्धता जताई है।”
प्रौद्योगिकियों में किया जाता है इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकियों में बैटरी इलेक्ट्रिक, ईंधन में हाइड्रोजन शामिल है जिसका उपयोग दो प्रौद्योगिकियों में किया जा सकता है चाहे वह आंतरिक दहन इंजन (आईसीई) हो या ईंधन सेल इलेक्ट्रिक हो।
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