Tansen Samaroh in Gwalior: आज एमपी के ग्वालियर में तानसेन समारोह मनाया गया। इसमें मध्यप्रदेश के 1300 से अधिक कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इस समारोह में वंदे मातरम की धुन पर सजे “ताल दरबार” का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना। इसी के साथ इस पल को यादगार बनाने के लिए सीएम ने ऐलान किया कि 25 दिसंबर को अब प्रदेश में तबला दिवस मनाया जाएगा।
तबले की थाप पर थिरका ग्वालियर
राष्ट्रगीत वंदे मातरम की परिकल्पना पर आधारित तबला वादकों ने 3 ताल के ठेका पर संगीत के सम्राट तानसेन को संगीत के जरिए प्रणाम किया। हारमोनियम, सितार और सारंगी की धुन पर सजे लहरा और कायदा पर तबला वादन से ग्वालियर का किला गूंज उठा।
ग्वालियर में तबला वादन का वर्ल्ड रिकॉर्ड !
म्युजिक सिटी ग्वालियर में ऐतिहासिक तानसेन समारोह में 1300 से अधिक संगीत साधकों ने एक साथ राष्ट्रगीत वंदेमातरम की धुन पर तबला वादन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।#MadhyaPradesh #Gwalior… pic.twitter.com/KluYFM6ovl— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 25, 2023
इस समारोह में शामिल हुए 123 महाविद्यालयों के पूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों ने सुरमयी समारोह में तबले की थाप पर ग्वालियर शहर की रूह को थिरकने पर मजबूर कर दिया।
बना वर्ल्ड रिकार्ड
संगीत सम्राट तानसेन की नगरी ग्वालियर में राष्ट्रगीत वंदे मातरम की धुन पर “ताल दरबार” ने मध्यप्रदेश के संगीत को एक वैश्विक पहचान दिलाई।
यूनेस्को द्वारा चयनित संगीत नगरी में राष्ट्रीयता 1300 से ज्यादा संगीतकारों ने प्रदेश की ऐतिहासिकता, सांस्कृतिकता और संगीत की त्रिवेणी को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया।
25 दिसंबर को मनाया जाएगा तबला दिवस
इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड संस्था का प्रमाण पत्र ग्रहण किया। इस समारोह में सीएम मोहन यादव और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी सम्मिलित हुए।
सीएम मोहन ने कहा कि इस उपलब्धि को यादगार बनाने और सभी संगीतकारों के सम्मान में 25 दिसंबर को पूरे एमपी में तबला दिवस मनाया जायेगा। इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे।
संगीत के कुंभ का नजारा दिखा दिया: सीएम
सीएम मोहन ने कहा कि ताल दरबार के कलाकारों ने संगीत के कुंभ का नजारा दिखा दिया। आज स्वयं भगवान इंद्र की सभा का स्वरूप नजर आया।
आप सभी की संगीत साधना को देखकर मैं धन्य हो गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी तबला साधकों के साथ समूह चित्र भी लिया।
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