रायपुर। ‘छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया’ इस नारे को तो आपने सुना ही होगा। छत्तीसगढ़ का नाम आते ही दूसरे राज्यों के लोगों को लगता होगा कि यह एक छोटा सा राज्य है। हां ये सच है कि अन्य राज्यों की तुलना में ये राज्य छोटा है, लेकिन छत्तीसगढ़ दूसरे राज्यों कि तुलना में सांस्कृतिक, राजनैतिक और समाजिक स्तर पर काफी प्रगतिशील और प्रभावी है। राज्य में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिन्हें देखने के लिए लोग विदेशों से आया करते हैं। इन्हीं स्थलों में से एक स्थल है। बस्तर का विश्वप्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात।
भारत का ‘नियाग्रा’
बारिश के दिनों में इसका विहंगम दृष्य देखने के लिए लोग देश के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं। 980 फिट चौड़ा और करीब 98 फिट ऊंचा यह देश का सबसे चौड़ा जलप्रपात है। आकार में घोड़े के नाल की तरह होने की वजह से लोग इसे भारत का ‘नियाग्रा’ भी कहते हैं। बस्तर में स्थित यह जलप्रपात भारत के छह भौगोलिक विरासतों वाले जलप्रपात में से एक है।
रात में इस झरने को देखना काफी रोमांचकारी होता है
बस्तर ज़िले में इन्द्रावती नदी पर स्थित यह सुंदर जलप्रपात वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु बारिश के दौरान इसे देखना अधिक रोमांचकारी अनुभव होता है। झरने के चारों ओर घने जंगल हैं, जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और बढ़ाते हैं। रात में यह जगह और ज्यादा सुंदर नजर आता है। इस जगह को रोशनी से सजाया गया है। झरने से रोशनी के साथ गिरते पानी को देखना काफी आनंददायक होता है। आम दिनों में इस झरने से कम से कम 3 और अधिकतम सात धाराएं गिरती हैं।
कैसे जा सकते हैं
यह जलप्रपात राजधानी रायपुर से 340 किलोमीटर और जगदलपुर से 39 किमी दूर स्थित है। इंद्रावती नदी आगे चलकर गोदावरी में मिल जाती है। वॉटर फॉल में मगरमच्छ और कैट फिश बहुतायात में देखी जा सकती हैं। पर्यटकों के रूझान को देखते हुए यहां कई हॉटल्स भी स्थापित किए गए हैं। जगदलपुर से सीधे रायपुर और विशाखापट्टनम से फ्लाइट की सुविधा है और कई राज्यों से जगदलपुर स्टेशन ट्रेन रूट से भी जुड़ा है। यह बस्तर संभाग का सबसे प्रमुख जलप्रपात माना जाता है।