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प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिये सिंघू बॉर्डर पर दर्जी ने भी लगाया स्टॉल

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Bhasha
देश में रविवार तक कुल 2,24,301 लाभार्थियों को कोविड-19 का टीका लगाया गया: सरकार

(माणिक गुप्ता)

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की सुविधाओं की सूची में अब दर्जी का स्टॉल भी जुड़ गया है और यहां दो सिलाई मशीनों के साथ किसानों की सिलाई संबंधी जरूरतों का भी समाधान किया जा रहा है।

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यह स्टॉल चलाने वाले पंजाब के बरनाला जिले से आए पेशे से दर्जी दलबीर सिंह के लिये सिलाई, चेन बदलना, कटे-फटे कपड़ों को सही करना, वेलक्रो बदलना रोजमर्रा की बात है। बस, इस बार दुकान की जगह बदल गई है।

सिंह (38) कहते हैं, “मैं एक हफ्ते पहले अपने दोस्त के साथ प्रदर्शन स्थल पर आया था। तब मुझे अहसास हुआ कि यहां बहुत से लोग कटे-फटे कपड़े पहने हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “बाद में बरनाला में कोई मेरी दुकान पर आया और कहा, ‘मेरे कपड़े सिल दो, मुझे प्रदर्शन के लिये दिल्ली जाना है।’ तभी सिंघू पर यह स्टॉल खोलने का विचार मेरे दिमाग में आया।”

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उन्होंने इस काम में लुधियाना से आईं बलजिंदर कौर (35) का साथ मिला जो अब तक शौकिया कपड़े सिला करती थीं।

सिंह ने कहा कि स्टॉल पर इतनी भीड़ रहती है कि उन्हें लघुशंका के लिये भी उठने का बड़ी मुश्किल से वक्त मिलता है। उन्होंने कहा कि आज उनका दूसरा दिन था और उन्होंने 400 से ज्यादा लोगों का काम किया है।

इतनी आपाधापी के बावजूद उनके लहजे में शिकायत नहीं है।

पांव से लगातार अपनी मशीन को चलाते हुए सिंह कहते हैं, “यह सेवा है और मैं तब तक नहीं रुकने वाला जब तक सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की मांग नहीं मान लेती। मैंने अपनी पत्नी को बता दिया है कि मेरे जल्द लौटने की उम्मीद मत करना। घर पर मैंने अपने पिता और भाई से मेरे लौटने तक दुकान का ख्याल रखने को कहा है।”

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दलवीर से बरनाला में उनकी दुकान पर मिलने वाली गुरप्रीत सिंह (40) ने कहा कि वो 300 नई चेन लेकर आया था और अब बमुश्किल से 10 बची हैं।

भाषा प्रशांत मनीषा

मनीषा

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