नई दिल्ली। आज के समय में टी-सीरीज को कौन नहीं जानता। टी-सीरीज का भारतीय म्यूजिक इंडस्ट्री पर एक प्रकार से कब्जा है। गुलशन कुमार ने इस म्यूजिक कंपनी को खड़ा किया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गुलशन कुमार म्यूजिक इंडस्ट्री में आने से पहले जूस की दुकान चलाया करते थे। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लगता है, लेकिन ये सच है। उन्होंने अपनी आवाज और मेहनत के दम पर इस कंपनी को खड़ा किया था।
अंडरवर्ल्ड की आंखों में गड़ने लगे थे
गुलशन कुमार जैसे-जैसे कामयाब हो रहे थे वैसे-वैसे अंडरवर्ल्ड की आंखों में गड़ने लगे थे। लोग उन्हें तब ‘कैसेट किंग’ के नाम से बुलाते थे। एक दिन गुलशन कुमार जीतेश्वर मंदिर से पूजा करके बाहर ही निकले थे कि उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उन्हें 16 गोलियां मारी गई थी। इस घटनाक्रम को अंजाम देने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, दाऊद मर्चेंद और विनोद जगताप को सुपारी दी गई थी।
इतने में तो मैं वैष्णो देवी में भंडारा करवा दूंगा
साल 2001 में शार्प शूटर विनोद जगताप ने भी कबुल किया था कि उसने गुलशन कुमार को गोली मारी थी। वहीं लेखक हुसैन जैदी की किताब ‘माय नेम इज अबू सलेम’ में इस बात का जिक्र है कि तब अबू सलेम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ रूपये की मांग की थी, लेकिन उन्होंने पैसा देने से इंकार कर दिया था और कहा था कि इतने रूपयों में तो मैं वैष्णो देवी के दरबार में भंडारा करवा दूंगा। गुलशन की यह बात अबू सलेम को बुरी लग गई थी।
संगीत से था गहरा लगाव
किताब में इस बात का भी जिक्र है कि जब उन्हें गोली मारी जा रही थी, तब शूटर ने उनसे कहा था कि पूजा बहुत हो गई, अब ऊपर जाकर करना। बतादें कि भगवान शिव, मां पार्वती और वैष्णो देवी में उनकी गहरी आस्था थी। साथ ही संगीत से भी उनका गहरा लगाव था। जूस बेचने के साथ-साथ वे भजन भी गाया करते थे। ऐसे में वे दिल्ली में ही जूस की दुकान छोड़कर कैसेट्स की दुकान चलाने लगे। वह सस्ते गानों के कैसेट्स बेचा करते थे।
टी-सीरीज अभी भी वैष्णो देवी में भंडारा आयोजित करता है
जब कैसेट का कोरोबार ठीक ठाक चलने लगा, तो उन्होंने नोएडा में म्यूजिक प्रोडक्शन कंपनी की शुरूआत की। व्यापार और बढ़ा तो मुंबई शिफ्ट हो गए और 1983 में T-Series म्यूजिक कंपनी की शुरुआत की। इसके साथ ही गुलशन कुमार देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाले शख्स बन गए थे। लेकिन उसकी सफलता को अंडरवर्ल्ड से नहीं देखा गया और एक दिन उसकी हत्या कर दी गई। उनकी कंपनी टी-सीरीज आज भी वैष्णो देवी में भंडारे का आयोजन करती है