हाइलाइट्स
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एमपी में स्वाइन फ्लू की एंट्री
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स्वाथ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट
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बचने के लिए बताए उपाय
Swine Flu Enter in MP: कोरोना की भयंकर बीमारी से लोग बड़ी मुश्किल से ठीक हुए थे, कि अब एक बार फिर खतरनाक फ्लू ने एमपी दस्तक दे दी है। 25 दिनों के अंदर इस वायरस ने करीब 11 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है। मरीजों की गंभीर हालत को देख स्वाथ्य महकमें ने अलर्ट और एडवाइजरी जारी की है। इसके साथ ही बचने के सुझाव भी दिए हैं।
MP के इस जिले में खतरनाक फ्लू की एंट्री: मरीजों को बढ़ता देख स्वाथ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी; बचने के लिए ये करें#MPNews #swineFLU #jabalpur #HealthDepartment
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 7, 2024
25 दिन में सामने आए 11 मरीज
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में बीते 25 दिनों के अंदर 11 ज्यादा स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिन्हें मेडिकल कॉलेज और शहर के निजी हॉस्पिटलों में भर्ती किया गया है।
इस वायरस को बढ़ता देख स्वाथ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके साथ ही एडवाइजरी जारी कर कहा है कि लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत जरूरी है।
ये वायरस भी कोरोनो की तरह ही बेहद खतरनाक होता है। किसी को भी सर्दी-खांसी या जुकाम हो तो तत्काल प्रभाव से मास्क का उपयोग करना शुरू कर दे। इसके अलावा अगर ज्यादा तकलीफ जैसी कंडीशन बने तो खुद को आइसोलेशन में रखे।
जांच के लिए भेजे गए थे संदिग्ध मरीजों के सैंपल
जबलपुर शहर में 11 जुलाई के बाद संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिनमें 11 मरीजों की रिपोर्ट H1N1 पॉजिटिव आई है। स्वाइन फ्लू के लक्षणों को देखते हुए पीड़ित 9 मरीजों के भी स्वाब सैंपल की जांच की जा रही है।
ऐसी आशंका है कि स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। फिलहाल जो मरीज पॉजिटिव हैं, उनको अलग-अलग हॉस्पिटलों में आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है।
स्वाइन फ्लू के 11 मरीजों की हुई पुष्टि
जबलपुर संभाग के रीजनल हेल्थ डायरेक्टर डॉक्टर संजय मिश्रा ने स्वाइन फ्लू के 11 मरीजों के मिलने की पुष्टि की है। डॉक्टर ने अपील करते हुए कहा कि वे सर्दी,जुकाम, बुखार और सांस लेने में प्रॉब्लम होने पर तत्काल जांच करवाएं।
बचने के लिए करें ये उपाय
डॉक्टर संजय मिश्रा के मुताबिक, स्वाइन फ्लू एक खतरनाक बीमारी है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आता है, तो उसे आइसोलेट कर दिया जाए। साथ ही पीड़ित के संपर्क में कोई ना आए।
कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर स्वाइन फ्लू को लेकर आइसोलेशन वार्ड भी बनाए हैं। वहीं रीजनल डायरेक्टर की मानें तो स्वाइन फ्लू H-1,N-1 वही वायरस है, जो कि कोविड की तरह होता है।
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