भोपाल। देश की चार प्रमुख पीठों में शामिल द्वारका एवं ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के निधन पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि भगवान शंकराचार्य द्वारा स्थापित पश्चिम आम्नाय श्रीशारदापीठ के पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के प्राणांत की सूचना अत्यंत दुःखद है। पूज्य स्वामी जी सनातन धर्म के शलाका पुरुष एवं सन्यास परम्परा के सूर्य थे।
आपको बता दें कि हाल ही में 3 सितंबर को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज ने अपना 99वां जन्मदिन मनाया था। वह द्वारका की शारदा पीठ और ज्योर्तिमठ बद्रीनाथ के शंकराचार्य थे। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का जन्म 2 सिंतबर 1924 को मध्यप्रदेश राज्य के सिवनी जिले के दिघोरी गांव में ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता ने इनका नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था। महज नौ साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी। स्वामी स्वरूपानंद ने साल 1950 में वे दंडीसंन्यासी बनाये गए और 1981 में शंकराचार्य की उपाधि मिली। साल 1950 में ज्योतिषपीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी ब्रह्मानन्द सरस्वती से दण्ड-सन्यास की दीक्षा ली और शंकराचार्य स्वामीस्वरूपानंद सरस्वती नाम से जाने जाने लगे।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।