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Surya Namaskar Controversy: सूर्य नमस्कार को लेकर हुआ बवाल, मुस्लिम संगठनों ने दाखिल की अर्जी, सरकार के हक में कोर्ट का भी फैसला

Surya Namaskar Controversy: विवादों के बीच राजस्थान की करीब 76 हजार स्कूलों में आज से सूर्य नमस्कार शुरू हो गया है।

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Kalpana Madhu
Surya Namaskar Controversy: सूर्य नमस्कार को लेकर हुआ बवाल, मुस्लिम संगठनों ने दाखिल की अर्जी, सरकार के हक में कोर्ट का भी फैसला

   हाइलाइट्स

  •  विरोध के बीच राजस्थान के स्कूलों में सूर्य नमस्कार
  • मौलाना ने कहा हिंदू धर्म हम पर नहीं थोप सकते
  • सुबह 10.30 से 11 बजे सामूहिक सूर्य नमस्कार
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Surya Namaskar Controversy: विवादों के बीच राजस्थान की करीब 76 हजार स्कूलों में आज से सूर्य नमस्कार शुरू हो गया है। शिक्षामंत्री ने जाकर स्कूल में बच्चों के साथ सूर्य नमस्कार किया। प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सुबह साढ़े दस बजे से सूर्य नमस्कार शुरू हुआ।

स्कूलों में विद्यार्थी सूर्य नमस्कार कर एक रेकॉर्ड बनाएंगे। सूर्य नमस्कार को लेकर विवाद भी हो रहा है। मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है। हालांकि, राजस्थान हाईकोर्ट ने एक याचिका खारिज कर दी है।

मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने समुदाय के लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजे।  प्रदेश सरकार कल सूर्य सप्तमी के मौके पर 10.30 से 11 बजे सामूहिक सूर्य नमस्कार के जरिए विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों में जुटी है, लेकिन कई मुस्लिम संगठन सरकार के इस आदेश का विरोध कर रहे हैं।

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उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममान (एआईएमआईएम) की ओर से भी एक अलग याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने कहा कि उनकी याचिका पर 20 फरवरी को सुनवाई होगी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में सूर्य नमस्कार कार्यक्रम असंवैधानिक है और यह संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन करता है। कोर्ट ने यह कहकर याचिका खारिज कर दी संस्थान पंजीकृत नहीं है।

   राजस्थान में बनेगा सूर्य नमस्कार का वर्ल्ड रिकॉर्ड

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इस बार राजस्थान में सूर्य नमस्कार कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में हैं।  इसके लिए वह स्वयं सूर्य नमस्कार कर रहे हैं तो दूसरी ओर स्टूडेंट और युवाओं को भी सूर्य नमस्कार का अभ्यास करवा रहे हैं।  कभी किसी स्कूल में जाकर तो कभी वर्चुअली वह सूर्य नमस्कार के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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   इस्लाम धर्म केवल अल्लाह की इबादत होती है

अब्दुल वाहिद ने शिक्षा मंत्री के इस बयान के खिलाफ एक निजी न्यूज चैनल में इंटरव्यू दिया। इसमें उन्होंने कहा कि किसी दूसरे धर्म की मान्यताओं को किसी अन्य धर्म या व्यक्ति पर थोपा नहीं जा सकता है।

हर आदमी अपने विचार के मुताबिक काम करने के लिए स्वतंत्र है। सूर्य नमस्कार हो, सरस्वती वंदना या राष्ट्रगीत वंदे मातरम है। ये सारी हिंदू धर्म की मान्यताएं हैं। सूर्य नमस्कार हिंदू धर्म का है। जिसमें ऐसी क्रियाएं और श्लोगन हैं।

जिनके जरिए से इबादत का रूप मिलता है। इस्लाम धर्म में केवल अल्लाह की इबादत होती है। सूर्य की नहीं, किसी को सूर्य नमस्कार के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस दिन मुस्लिम समाज के बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की अपील की हैं।

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   शिक्षा मंत्री ने दिया पलटवार जवाब

शिक्षामंत्री मदन दिलावर का कहना है कि कुछ लोगों के विरोध की वजह से सूर्य नमस्कार बंद नहीं होगा। उनका कहना है कि सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले काल कोठरी में चले जाए। सूर्य नमस्कार सभी स्कूलों में होगा। कोई शामिल नहीं होना चाहता तो नहीं आए।

जबकि पूर्व शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का कहना है कि कांग्रेस सरकार के समय स्कूलों में योग की कक्षाएं संचालित थी। उस समय विकल्प था। जो करना चाहे करे, जो नहीं करना चाहे नहीं करे। लेकिन कोई विवाद नहीं था।

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का कहना है कि सूर्य नमस्कार को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं। योगासन में कई प्रकार की क्रियाएं होती हैं। इसी तरह सूर्य नमस्कार भी एक तरह की क्रिया ही है। इसमें पूजा-पाठ व इबादत से कोई लेना देना नहीं है।

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