Surya Nakshtra Parivartan Ardra Grah Gochar Monsoon 2025: मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। मध्य प्रदेश में भी मानसून की एक्टिविटी शुरू हो गई। लेकिन इसके बाद अब झमाझम बारिश का दौर कब शुरू होगा।
इसे लेकर ग्रह नक्षत्रों की चाल क्या कह रही है। इस बार सूर्य नक्षत्रों के कौन से योग झमाझम बारिश के योग बनाएंगे। सूर्य आद्रा नक्षत्र में कब प्रवेश करेंगे। जानते हैं ज्योतिषाचार्य से.
सूर्य इस दिन करें आद्रा नक्षत्र में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार हिन्दू धर्म में बारिश की गणना सूर्य के आद्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ होती है। सूर्य जून में 22 तारीख को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
आद्रा नक्षत्र में इस दिन करेंगे सूर्य प्रवेश
सूर्य 22 जून को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश (Adhdra Nakshra me Surya) करेंगे। आपको बता दें आद्रा नक्षत्र बारिश का पहला नक्षत्र है। इस नक्षत्र के समय से बारिश अच्छी होने लगती है। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार आद्रा नक्षत्र में स्त्री-पुरुष बन रहा है तो अच्छी बारिश कराएगा। इस दिन रविवार भी है।
22 जून रविवार का दिन होगा खास
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार 22 जून को रविवार का दिन पड़ रहा है। चूकिं इस साल के राजा और मंत्री दोनों सूर्य हैं और सूर्य ही बारिश के लिए बड़े कारक हैं इसलिए इस बार बारिश के अच्छे योग बताए जा रहे हैं। इस दौरान जब स्त्री पुरुष योग बनता है तो झमाझम बारिश होती है। यही कारण है कि 22 जून से सर्वत्र बारिश के योग हैं।
इस दिन पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे सूर्य
हिन्दू पंचांग के अनुसार सूर्य आद्रा के बाद 6 जुलाई को पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जो 15 दिन तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। लेकिन इस दौरान स्त्री पुरुष योग बनाएंगे। यानी इस दौरान प्रबल बारिश के योग नहीं बनेंगे।
सावन में झूम के बरसेंगे बादल
पुनर्वसुन नक्षत्र में 15 दिन रहने के बाद एक बार फिर सूर्य का नक्षत्र परिवर्तन होगा। इस समय सावन की शुरुआत हो जाएगी। फिर सावन में जमकर बादल बरसेंगे।
ये होते हैं बारिश के नक्षत्र
आद्रा नक्षत्र
22 जून से 6 जुलाई तक – स्त्री-पुरुष योग
पुनर्वसु नक्षत्र
6 जुलाई से 20 जुलाई तक — स्त्री-नपुंसक योग
पुष्य नक्षत्र
20 जुलाई से 5 अगस्त – स्त्री-पुरुष योग
अश्लेषा नक्षत्र
मघा नक्षत्र
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र
उत्तरा नक्षत्र
हस्त नक्षत्र में कैसी बारिश होती है
ज्योतिष के अनुसार हस्त नक्षत्र में जब सूर्य आते हैं तो इस दौरान सूर्य के आने पर बारिश की विदाई हो जाती है।
कौन से हैं जल चर नक्षत्र
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार ज्योतिष में बारिश के कुछ नक्षत्र होते हैं। पुनर्वसु, अश्लेषा और पुष्य नक्षत्र इन जलचर नक्षत्रों में शामिल हैं। यानि इन नक्षत्रों में बारिश (Surya Pushya Nakshatra) अच्छी मानी जाती है। लेकिन जब इन नक्षत्रों में स्त्री-स्त्री योग बनता है तो खंड बारिश होती है।
आद्रा नक्षत्र में ही सबसे अच्छी बारिश क्यों
ज्योतिषाचार्य के अनुसार आद्रा का मतलब खाद्रा नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र में सर्वत्र बारिश मानी जाती है। यानी इस आद्रा नक्षत्र के 15 दिनों में यदि अच्छी बारिश हो तो ये अच्छी मानी जाती है।
इस बार के राजा सूर्य बनाएंगे अच्छी बारिश के योग
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार के राजा और मंत्री दोनों ही सूर्य हैं। जो इस बार अच्छी बारिश के योग बना रहे हैं।
मध्यप्रदेश में इस बार कैसी होगी बारिश
ज्योतिष शास्त्र के आधार पर इस साल मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश Madhya pradesh ki Barish) के योग हैं।
मध्यप्रदेश की राशि सिंह (Singh Rashi) है और सिंह सूर्य (Sun) की स्व राशि है। यानी सूर्य अपनी राशि में होते हैं तो अच्छी बारिश होती है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश के योग बनते हैं।
इसलिए ज्योतिष के आधार पर इस बार एमपी में मानसून मेहरबान रहेगा। हालांकि आंधी तूफान का असर यहां भी देखने को मिलेगा।
यह भी पढ़ें: Guru Ast June 2025: पांच दिन बाद अस्त हो रहे हैं गुरु, विवाह कार्य में डालेंगे अड़ंगा, क्या कहता है ज्योतिष
नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें।