नई दिल्ली। साल के पहले त्योहार Surya Ka Gochar (Makar Sankranti Muhurta) 2022 के रूप में मकर संक्रांति से ही शुरुआत होती है। लेकिन इस बार की मकर संक्रांति खास रहने वाली है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार की संक्रांति दो मायनों में खास होने वाली है। पहला तो ये कि इस बार संक्रांति का शुभ स्नान दिन नहीं बल्कि रात में 9 बजे होगा। वो इसलिए क्योंकि इसी समय सूर्य धनु से मकर में प्रवेश करेंगे। सूर्य का गोचर समय ही इस दिन खास महत्व रखता है। दूसरा ये कि इस दिन त्रिग्रही योग भी बन रहा है। जो इस दिन को, और अधिक खास बनाएगा।
इस बार मकर संक्रांति की प्रारंभ तिथि और स्नान मुहूर्त को लेकर पंचांगों में मतभेद नजर आ रहा है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो कुछ पंचांग 14 जनवरी को दोपहर में शुभ मुहूर्त तो वहीं कुछ पंचांग 14 जनवरी की रात 9:8 मिनिट पर शुभ मुहूर्त की गणना कर रहे हैं। इसी समय किया गया स्नान आपको रोगों से दूर करेगा। इस विशेष पुण्यकाल का समय 15 जनवरी को दोपहर 1:8 मिनट तक रहेगा। यानि सूर्योदय से सूर्यास्त तक पुण्यकाल माना जाएगा।
पंचांगो में मतभेद —
पंडित रामगोविन्द शास्त्री का कहना है कि भोपाल और उज्जैन के पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त दोपहर शुरू हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर जबलपुर के लोक विजय और बनारस के बनारसी पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त रात 9 बजे का रहेगा। पंडित शास्त्री के अनुसार शुभ मुहूर्त में स्नान का ऐसा महत्व है जिसमें कुष्ठ रोग जैसे गंभीर त्वचा रोग तक ठीक हो जाते हैं।
शुभ मुहूर्त का महत्व —
एक पौराणिक कथा अनुसार एक बार मकर संक्रांति का मुहूर्त रात को 12 बजे था। तक उस समय श्री नारद मुनि ने एक रानी को कीचड़ में धक्का दे दिया था। उस रानी को कुष्ठ रोग या कोड़ था। धक्का दिए जाने पर रानी के नारद मुनि को जेल में डाल देने का आदेश दिया था। श्रीनारद मुनि ने कहा कि पहले आप स्नान कर लें उसके बाद मुझे दण्ड दे दें। स्नान करने के बाद रानी ने देखा कि उनका कुष्ठ रोग ठीक हो गया है। नारद मुनि ने कहा महारानी ये मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त का इतना महत्व है जिसमें बड़े से बड़ा रोग भी दूर हो जाता है। इसलिए मैंने आपको धक्का दिया था। इससे महारानी खुश हो गईं।
संक्रांति पर त्रिग्रही योग —
ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार 14 जनवरी की रात करीब 8:40 पर सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसमें बुध और शनि पहले से ही विराजमान है। जिसके चलते इस दिन बन रहा त्रिग्रही योग लोगों के जीवन में कई शुभ—अशुभ प्रभाव डालेगा।
अलग—अलग पंचांगानुसार समय —
लोक विजय पंचांग — 14 जनवरी की रात 9 बजे
बनारसी पंचांग — 14 जनवरी की रात 9 बजे
भुवन विजय पंचांग — 14 जनवरी की रात 8:40
चिंता हरण जंत्री — 14 जनवरी की दोपहर 2:40
पुष्पांजलि पंचांग — 14 जनवरी की दोपहर 2 बजे
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।