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Surya Ka Gochar : क्या आपकी कुंडली के इस भाव में विराजमान हैं सूर्य, तो होंगे वारे-न्यारे, ऐसे देखें कुंडली

Surya Ka Gochar : क्या आपकी कुंडली के इस भाव में विराजमान हैं सूर्य, तो होंगे वारे-न्यारे, ऐसे देखें कुंडली surya-ka-gochar-if-the-sun-is-present-in-this-house-of-your-horoscope-then-it-will-be-different-see-the-horoscope-like-this-pds

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Preeti Dwivedi
Surya Ka Gochar : क्या आपकी कुंडली के इस भाव में विराजमान हैं सूर्य, तो होंगे वारे-न्यारे, ऐसे देखें कुंडली

नई दिल्ली। ​15 मई को सूर्य अपनी Surya Ka Gochar  राशि बदलकर वृष vrash me surya  में प्रवेश कर चुके हैं। ज्योतिषार्यों की मानें तो सूर्य अभी करीब 16 दिन और यानि 15 जून may grah gochar 2022 तक इसी राशि में रहेंगे। सूर्य के इस गोचर काल Surya ka gochar kaal का किसानों को लाभ मिलने के आसार हैं। लेकिन इस दौरान सूर्य की तपिश लोगों को सताएगी। आपको बता दें बीते 25 मई को सूर्य रोहिणी नक्षत्र में भी प्रवेश कर चुके हैं। जो 8 जून तक इसी स्थिति में रहेंगे। इस दौरान सूर्य अपने पूरी सामर्थ के साथ जलाएगा।

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सूर्य 15 मई को बदलेंगे राशि —
दूसरे गोचर में सूर्य 15 मई को अपना राशि परिवर्तन करेंगे। जिसमें ये मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। करीब एक महीने बाद 16 जून को एक बार फिर इनका गोचर होगा।

सूर्य के गोचर का असर —
ज्योतिषार्य के अनुसार जब सूर्य वृष राशि में प्रवेश करता है तो इस दौरान इसकी सामर्थता सबसे अधिक होती है। यानि ये अपनी पूरी क्षमता के अनुसार तीक्ष्ण किरणें छोड़ता है। इस दौरान इनकी तपिश सबसे अधिक होती है। ये तपिश एक महीने तक लोगों को सताएगी। इसके बाद जब ये 16 जून को राशि परिवर्तन करेंगे तो इससे लोगों को निजाद मिलेगी।

किसानों के लिए खास होता है ये महीना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूरज की तीक्ष्ण किरणें धरती पर पड़ती हैं तो ये जमीन के सारे ​कीटाणु नष्ट कर देती हैं। जिससे जमीन का उपजाउपन बढ़ता है। इसलिए ये महीना किसानों के लिए खास माना जाता है। इसी दौरान नवतपे आते हैं। लेकिन इस दौरान कहते हैं कि तपों में पानी भी गिर जाए तो वह फसलों के लिए हानिकारक होता है। Zodiac Change in May 2022: राशियों की बात करें तो कुंडली में दिए स्थान अनुसार ये जातकों पर असर डालता है।

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कुंडली में ऐसी होती है स्थिति सूर्य की —

ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य पहले भाव में उच्च के माने जाते हैं। पहला भाव यानि मेष राशि। जब जातक की कुंडली में पहले भाव में सूर्य विराजमान होते हैं तो समझ लीजिए आपको जीवन में यज, सम्मान बहुत तेजी से मिलने वाला है। वहीं कुंडली के सातवें भाव यानि तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं। यदि आपकी कुंडली में भी सूर्य की ये स्थितियां हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। इसके विपरीत ये अपनी स्वराशि यानि सिंह में सामान्य फल देने वाले माने जाते हैं। यानि कुडंली में चौथे, आठवें और बारहवें भाव में होने पर अच्छा नहीं माने जाते। शेष घर में होने पर ये सामान्य फल देते हैं। इस गोचर काल में स्वास्थ्य संबंधी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।

इन उपायों से बनेंगे सूर्य मजबूत –

अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच के या कमजोर स्थिति में हैं तो आपको ये उपाय करने चाहिए।
सूर्योदय के समय भगवान सूर्य देवता को अक्षत डालकर जल अर्पित करें।
सूर्य मंत्र का जाप करें।
गायत्री मंत्र का जाप करें।
दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में माणिक का धारण करने से सूर्य मजबूत होते हैं।

नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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