नई दिल्ली। आज से 12 दिन बाद यानि 15 मई को सूर्य का गोचर होने वाला है। बीते 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश किए सूर्य एक बार फिर अपना राशि परिवर्तन करने जा रहा है। यानि 15 मई को ये मेष से वृष में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद ये 1 महीने तक इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद 16 जून को एक बार फिर अपना स्थान बदलकर मिथुन में प्रवेश कर जाएगे। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब सूर्य का वृष राशि में गोचर होता है जब इनका प्रचंण रूप सामने आता है।
30 दिन तक प्रचंण गर्मी —
दूसरे गोचर में सूर्य 15 मई को अपना राशि परिवर्तन करेंगे। जिसमें ये मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। करीब एक महीने बाद 16 जून को एक बार फिर इनका गोचर होगा।
सूर्य के गोचर का असर —
ज्योतिषार्य के अनुसार जब सूर्य वृष राशि में प्रवेश करता है तो इस दौरान इसकी सामर्थता सबसे अधिक होती है। यानि ये अपनी पूरी क्षमता के अनुसार तीक्ष्ण किरणें छोड़ता है। इस दौरान इनकी तपिश सबसे अधिक होती है। ये तपिश एक महीने तक लोगों को सताएगी। इसके बाद जब ये 16 जून को राशि परिवर्तन करेंगे तो इससे लोगों को निजाद मिलेगी।
किसानों के लिए खास होता है ये महीना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब सूरज की तीक्ष्ण किरणें धरती पर पड़ती हैं तो ये जमीन के सारे कीटाणु नष्ट कर देती हैं। जिससे जमीन का उपजाउपन बढ़ता है। इसलिए ये महीना किसानों के लिए खास माना जाता है। इसी दौरान नव तपे भी आते हैं। लेकिन इस दौरान कहते हैं कि तपों में पानी भी गिर जाए तो वह फसलों के लिए हानिकारक होता है। Zodiac Change in May 2022: राशियों की बात करें तो कुंडली में दिए स्थान अनुसार ये जातकों पर असर डालता है।
कुंडली में ऐसी होती है स्थिति सूर्य की —
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य पहले भाव में उच्च के माने जाते हैं। पहला भाव यानि मेष राशि। जब जातक की कुंडली में पहले भाव में सूर्य विराजमान होते हैं तो समझ लीजिए आपको जीवन में यज, सम्मान बहुत तेजी से मिलने वाला है। वहीं कुंडली के सातवें भाव यानि तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं। यदि आपकी कुंडली में भी सूर्य की ये स्थितियां हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। इसके विपरीत ये अपनी स्वराशि यानि सिंह में सामान्य फल देने वाले माने जाते हैं। यानि कुडंली में चौथे, आठवें और बारहवें भाव में होने पर अच्छा नहीं माने जाते। शेष घर में होने पर ये सामान्य फल देते हैं। इस गोचर काल में स्वास्थ्य संबंधी परिवर्तन देखने को मिलेंगे।
इन उपायों से बनेंगे सूर्य मजबूत –
- अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच के या कमजोर स्थिति में हैं तो आपको ये उपाय करने चाहिए।
- सूर्योदय के समय भगवान सूर्य देवता को अक्षत डालकर जल अर्पित करें।
- सूर्य मंत्र का जाप करें।
- गायत्री मंत्र का जाप करें।
- दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में माणिक का धारण करने से सूर्य मजबूत होते हैं।