नई दिल्ली। 16 दिसंबर यानि Surya In Kundli आज गुरुवार से सूर्य अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर होते हैं तो उसका तेज, यश, सम्मान, पिता का प्यार खोने लगता है। वह मानसिक रूप से कमजोर होता चला जाता है। सवाल ये हैं कि कोई कैसे जाने कि उसकी कुंडली में सूर्य मजबूत हैं या कमजोर। तो चलिए आज हम आपको ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल कुमार पाण्डेय के अनुसार बताते हैं कि आपकी कुंडली सूर्य को लेकर क्या कह रही है।
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कुंडली में ऐसी होती है स्थिति सूर्य की —
ज्योतिषाचार्य के अनुसार सूर्य पहले भाव में उच्च के माने जाते हैं। पहला भाव यानि मेष राशि। जब जातक की कुंडली में पहले भाव में सूर्य विराजमान होते हैं तो समझ लीजिए आपको जीवन में यज, सम्मान बहुत तेजी से मिलने वाला है। वहीं कुंडली के सातवें भाव यानि तुला राशि में सूर्य नीच के माने जाते हैं। यदि आपकी कुंडली में भी सूर्य की ये स्थितियां हैं तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। इसके विपरीत ये अपनी स्वराशि यानि सिंह में सामान्य फल देने वाले माने जाते हैं।
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इन उपायोें से बनेंगे सूर्य मजबूत –
- अगर आपकी कुंडली में सूर्य नीच के या कमजोर स्थिति में हैं तो आपको ये उपाय करने चाहिए। _
- सूर्योदय के समय भगवान सूर्य देवता को अक्षत डालकर जल अर्पित करें।
- सूर्य मंत्र का जाप करें।
- गायत्री मंत्र का जाप करें।
- दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली में माणिक का धारण करने से सूर्य मजबूत होते हैं।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।