नई दिल्ली। Surya Grahan 2023 हिन्दू धर्म के अनुसार नए साल की शुरूआत हो चुकी है। इसी के साथ आज,साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण है। वैज्ञानिक दृष्टि से इस ग्रहण को खास माना जा रहा है। वैज्ञानिक इसे हाईब्रिड सूर्य ग्रहण hybrid solar eclipse कह रहे हैं। ऐसे में आपको भी पता होना चाहिए कि ग्रहण को लेकर ऐसा क्यों कह रहे हैं।
कब है साल का पहला सूर्य ग्रहण 2023 — Surya Grahan 2023
हिन्दू पंचांग के अनुसार साल 2023 का पहला इसी महीने यानि ग्रहSurya Grahan 2023 ण वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को आ रहा है। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार इसकी शुरुआत 20 अप्रैल 2023 को सुबह 7:04 मिनट से होगी। यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को दोपहर 12:29 मिनट पर खत्म हो जाएगा। यानि कुल 5:24 मिनट तक ये रहेगा।
भारत में नहीं दिखेगा — Surya Grahan 2023
आपको बता दें भारत में ये सूर्य ग्रहण नहीं देखा जाएगा। यानि भारत पर इसका असर नहीं होगा। इसलिए इसका सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। लेकिन दुनिया के बाकी हिस्सों में इसका असर रहेगा।
वैज्ञानिक दृष्टि से क्यों है खास — Surya Grahan 2023
आपको बता दें खगोल वैज्ञानिकों की दृष्टि से इसे बेहद खास माना जा रहा है। इसलिए उन्होंने इसे हाईब्रिड नाम दिया है। जी हां जब सूर्य ग्रहण तीन आकार में दिखाई देता है तो इसे हाईब्रिड सूर्य कहते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार साल का पहला सूर्य ग्रहण 3 तरह का दिखाई देगा। जो आंशिक, पूर्ण और कुंडलाकार के रूप में होगा। इसलिए इसे हाइब्रिड सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है।
ये होंगे तीन स्टेप — Surya Grahan 2023
आपको बता दें आंशिक सूर्य ग्रहण की घटना जब होती है तो इस दौरान चंद्रमा सूर्य के बहुत छोटे से हिस्से को ढक लेता है। तो वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों ही एक ही लाइन में आकर सीध में आ जाते हैं। इस स्थिति में धरती के एक हिस्से में कुछ देर के लिए पूरी तरह से अंधेरा छा जाता है। तो वहीं जब कुंडलाकार सूर्य ग्रहण होता है तो उस स्थिति में चंद्रमा सूर्य के बीचों-बीच आ जाता है। इसके बाद जब सूर्य एक चमकदार रिंग की तरह दिखता है तो इस स्थिति को या सूर्य ग्रहण को रिंग ऑफ फायर कहते हैं।