हाइलाइट्स
- सूर्य का वृष राशि में प्रवेश
- 30 दिन बेहद खतरनाक
- तुला सहित इनकी बढ़ेगी परेशानी
Surya Gochar 2024 Vrish: हर महीने की बदलती चाल में ग्रहों के देव सूर्य हर 30 से 31 दिन में अपनी राशि बदलते हैं। बीते एक माह से मेष राशि में प्रवेश किए सूर्य बहुत जल्द राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो सूर्य के इस राशि परिवर्तन (Rashi Parivartan) से कुछ जातकों की परेशानी बढ़ने वाली है। इस दौरान रक्तजनित रोग बढ़ेंगे। इतना ही नहीं इसी दौरान नौतपा (Navtapa 2024) भी लगेंगे। चलिए जानते हैं मई में मेष संक्रांति (Mesh Sankranti 2024) कब है।
प्रतिदिन बदलती ग्रहों की चाल (Grah Gochar) लोगों को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। ज्योतिषीय गणित की बात करें तो सूर्य एक महीने में, चंद्रमा ढाई दिन में अपनी चाल बदलते हैं। सभी ग्रह अपने तय समय के अनुसार एक ग्रह से दूसरे ग्रह में गोचर करते हैं। तो चलिए जानते हैं कि सूर्य का गोचर किसे और कैसा लाभ दिलाएगा।
मंगलवार को सूर्य करेंगे वृष में प्रवेश
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री (9893159724) के अनुसार सूर्य 14 मई को जिस राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं वह वृष राशि है। आपको बता दें वृष शुक्र की राशि है। शुक्र की राशि (Shukra ki Rashi) में सूर्य का गोचर (Surya Gochar 2024) अपना अप्रचंड रूप दिखाएंगा। जिसका असर (Surya Gochar Effect) मेष से लेकर मीन तक राशि तक असर पड़ेगा।
सूर्य देव मंगलवार को अपनी दुश्मन की राशि वृष में प्रवेश (Surya ka Gochar 2024) में करने जा रहे हैं।
सूर्य के गोचर से किसे होगा लाभ
सूर्य का गोचर उसकी शत्रु राशि में होने जा रहा है। ( Rashi) इसलिए इस दौरान मेष राशि (Mesh Rashi) से लेकर मीन तक के सभी जातकों पर असर होगा।
पर इस दौरान जिन जातकों पर सबसे अधिक विपरीत प्रभाव (Surya Gochar Effect) पड़ेगा, उसमें तीन राशियां शामिल हैं।
कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर क्या होता है
जब जातक की कुंडली में सूर्य कमजोर (Kamjor Surya ke Sandet) भाव में स्थित होता है तो इस कंडीशन में जातकों को रक्तजनित रोग घेरने लगते हैं।
ऐसे में उन्हें त्वचा संबंधी एलर्जी होने लगती है। इन जातकों को कैंसर (Cancer) होने की आशंका होती है।
कैसा होता है सूर्य का असर
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार जब सूर्य कमजोर होता है या सूर्य का असर (Surya Gochar Effect) होता है तो व्यक्ति में क्रोध बढ़ता है। उसमें आक्रोश, उद्वेग और रोग बढ़ने लगते हैं।
ग्रहों के राजा हैं सूर्य
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो सूर्य ग्रहों के राजा हैं, क्योंकि सूर्य किसी जात-पात को नहीं देखता है। सर्यू सब की आत्मा है। सूर्य की किरणों और तेज की जरूरत सभी को होती है, इसलिए इनका असर सभी पर समान होता है।
इस दिन है वृष संक्रांति
ग्रहों के राजा सूर्य साल में एक बार यानी 12 महीने में उच्च राशि में प्रवेश करते हैं।
बीते महीने उच्च के हुए सूर्य इस महीने यानी मई में 14 तारीख को वृष राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। सूर्य का गोचर वृष में 14 मई मंगलवार को हो रहा है।
इनका गोचर काल 30 से 31 दिन का होता है। यही कारण है बीते 14 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश किए सूर्य 14 अप्रैल को शत्रु की राशि वृष में प्रवेश (vrish me Surya ka Gochar 2024 in Hindi) कर रहे हैं।
वृष राशि में सूर्य के गोचर से ये रहें संभलकर
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य का वृष राशि में गोचर (vrish me Surya ka Rashi Parivartan 2024) हो रहा है।
इस दौरान तुला(Tula), कुंभ, मिथुन के जातकों को विशेष संभलकर रहना होगा।
ये तीन राशियां क्यों रहें सतर्क
हिन्दू ज्योतिष (Hindu Jyotish) के अनुसार जो ग्रह राशि परिवर्तन करता है। जातक की कुंडली में गोचर करने वाला ग्रह चौथे, आठवे और बारहवे भाव में आने वाली राशि के जातकों सतर्क रहने की जरूरत होती है।
किसके किस भाव में होंगे सूर्य
सूर्य के वृष राशि में प्रवेश करने पर ये गोचर काल के दौरान सूर्य (Surya in Kundli) कुंभ राशि के लिए चौथे, तुला के लिए आठवें और मिथुन राशि के लिए बारहवे भाव में रहेंगे। इसलिए इस दौरान इन तीन जातकों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।
सूर्य की स्व और उच्च राशि
ज्योतिषाचार्य के अनुसार हर ग्रह की अपनी राशि होती है। सिंह सूर्य की स्व राशि है तो वहीं मेष सूर्य की उच्च राशि है लेकिन
इसके लिए सबसे खतरनाक सूर्य का गोचर
पंडित शास्त्री के अनुसार सूर्य के गोचर यानी राशि परिवर्तन से वैसे तो तीन जातकों को सतर्क रहने की जरूरत है। पर इस दौरान तुला राशि के जातकों की परेशानी सबसे अधिक बढ़ सकती है।
सूर्य गोचर से दौरान इन चीजों से रहें सतर्क
सूर्य जब वृष राशि में होते हैं तो इस दौरान इनका प्रचंड रूप देखने को मिलता है। इसलिए जिन लोगों को वृष में सूर्य का गोचर (Vrish me Surya Gochar 2024) अच्छा नहीं है उनके लिए इस दौरान ज्वलनशील पदार्थों से सतर्क रहना होगा। इस दौरान रक्त संबंधी परेशानी बढ़ सकती है।