Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली शराब नीति केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच इस मामले में फैसला सुना दिया है और केजरीवाल को जमानत दे दी है। हालांकि, कोर्ट ने CBI की गिरफ्तारी को नियमों के तहत बताया।
सीबीआई ने केजरीवाल को 26 जून को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए जमानत याचिका दायर की थी। 5 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
केजरीवाल के खिलाफ दो जांच एजेंसियां, सीबीआई और ईडी, मामले की जांच कर रही हैं। हालांकि, ईडी के मामले में उन्हें 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। आज भी सीबीआई केस में केजरीवाल को जमानत मिल गई है। वह 177 दिन बाद जेल से बाहर आएंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले में CBI द्वारा दर्ज़ भ्रष्टाचार के मामले में ज़मानत दे दी है। pic.twitter.com/vgycqzuu64
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 13, 2024
अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलते वक्त चार अहम शर्तें लगाई गईं
मुख्यमंत्री कार्यालय से दूरी: केजरीवाल अपने मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे।
कोई सार्वजनिक चर्चा नहीं: उन्हें केस से संबंधित कोई सार्वजनिक चर्चा करने की अनुमति नहीं है।
जांच में बाधा नहीं: वे जांच में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं डालेंगे और गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश नहीं करेंगे।
सहयोग और पेशी: जरूरत पड़ने पर वे ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में पूरा सहयोग करेंगे। इन शर्तों के साथ उन्हें जमानत दी गई है।
क्या है पूरा मामला
अरविंद केजरीवाल से जुड़ा मामला दिल्ली सरकार की शराब नीति 2021-22 में कथित भ्रष्टाचार से संबंधित है। आरोप है कि इस नीति में संशोधन कर अनियमितताएं की गईं, जिससे लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ मिला। हालांकि, बाद में इस नीति को निरस्त कर दिया गया। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग का एक अलग मामला दर्ज किया, जबकि सीबीआई भी इसकी जांच कर रही है।
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ईडी और सीबीआई के अनुसार, शराब नीति में बदलाव कर भ्रष्टाचार किया गया, जिससे सरकार को नुकसान और निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। इस मामले में 21 मार्च को ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दी। कोर्ट ने इस मामले में कुछ कानूनी सवालों पर विचार करने के लिए इसे एक बड़ी पीठ के पास भेज दिया, खासकर मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (PMLA) के तहत गिरफ्तारी की अनिवार्यता और आवश्यकता पर है।
CBI की दलील का करा था कड़ा विरोध (Arvind Kejriwal Bail)
5 सितंबर को भ्रष्टाचार मामले में हुई सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की उस दलील का कड़ा विरोध किया, जिसमें कहा गया था कि उन्हें जमानत के लिए सबसे पहले निचली अदालत जाना चाहिए।
सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि केजरीवाल की याचिकाओं पर सीधे सुनवाई करने के बजाय उन्हें निचली अदालत का रुख करना चाहिए, खासकर ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के संबंध में। केजरीवाल ने इस दलील का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका पर सुनवाई जारी रखने की मांग की।
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