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हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट सरकारी इमारतों में कुत्तों को खिलाने पर रोक लगाएगा
- आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए कोर्ट का सख्त रुख
- पीड़ितों को राहत, अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी
Supreme Court Stray Dog Case: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों (Stray Dogs) से जुड़ी बढ़ती घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने संकेत दिए हैं कि सरकारी इमारतों (Government Buildings) और दफ्तरों में कुत्तों को खाना खिलाने (Feeding Stray Dogs) पर रोक लगाई जा सकती है। अदालत ने कहा कि सरकारी कर्मचारी खुद कुत्तों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वह इस पर जल्द आदेश जारी करेगा।
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राज्यों के मुख्य सचिवों ने मांगी माफी
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के हमलों (Stray Dog Attacks) की बढ़ती घटनाओं पर सख्त रुख अपनाते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (States and Union Territories) के मुख्य सचिवों (Chief Secretaries) को तलब किया था। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सभी मुख्य सचिव कोर्ट में पेश हुए और बिना शर्त माफी (Unconditional Apology) मांगी।
दरअसल, एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स (Animal Birth Control Rules) के पालन को लेकर कई राज्यों ने समय पर हलफनामा (Affidavit) दाखिल नहीं किया था। कोर्ट ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताई थी। जस्टिस विक्रम नाथ (Justice Vikram Nath) की बेंच ने कहा कि अगर भविष्य में फिर ऐसी गलती हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स का हो सख्त पालन
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि आवारा कुत्तों की समस्या (Stray Dog Control) से निपटने के लिए एनिमल बर्थ कंट्रोल रूल्स (Animal Birth Control Rules) का सख्ती से पालन जरूरी है। अदालत ने एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (Animal Welfare Board of India) को भी मामले में पक्षकार बनाया है। कोर्ट का मानना है कि नियमों का पालन न होने से ही सड़कों और कॉलोनियों में कुत्तों की संख्या अनियंत्रित रूप से बढ़ रही है।
सरकारी संस्थानों में फीडिंग पर जल्द आदेश
कोर्ट ने सरकारी दफ्तरों (Government Offices) में कुत्तों को खिलाने की प्रथा पर भी सख्ती दिखाई है। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने कहा कि कुछ दिनों में इस पर आदेश जारी किया जाएगा। अदालत ने कहा कि कई सरकारी कर्मचारी खुद कुत्तों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे “Stray Dog Problem” और बढ़ती जा रही है।
वरिष्ठ वकील करुणा नंदी (Advocate Karuna Nundy) ने इस मामले में हस्तक्षेप (Intervention) करने की कोशिश की और कहा कि उन्हें सुना जाए, लेकिन बेंच ने मना कर दिया। कोर्ट ने कहा, “सरकारी संस्थानों के मामले में हम किसी को नहीं सुनेंगे।”
कुत्ते के काटने से पीड़ितों को मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने Dog Bite Victims की याचिकाओं को मंजूरी दे दी है। पीड़ितों को कोर्ट की रजिस्ट्री में कोई राशि जमा नहीं करनी होगी। वहीं, कुत्तों के पक्ष में हस्तक्षेप करने वाले व्यक्तियों को 25 हजार रुपये और एनजीओ को 2 लाख रुपये जमा करने होंगे। कोर्ट ने कहा कि अब वह पीड़ितों की बात भी सुनेगा।
7 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर 2025 (Supreme Court 7 November Hearing) के लिए तय की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सरकारी इमारतों में फीडिंग पर रोक से जुड़ा आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
जनता की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट का फोकस
यह फैसला Public Safety के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। देशभर में Stray Dog Attacks के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ संकेत दिए हैं कि अब कानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी ताकि आम जनता को राहत मिल सके और सड़कों पर बढ़ते कुत्तों के खतरे पर नियंत्रण पाया जा सके।
ED का अनिल अंबानी रिलायंस ग्रुप पर बड़ा एक्शन: 3,084 करोड़ की संपत्तियां कुर्क, मुंबई में पाली हिल्स वाला घर भी शामिल
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