Arvind Kejriwal Bail: दिल्ली शराब नीति मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल और CBI की दलीलें सुनीं। इसके बाद फैसला किया। केजरीवाल के वकील ने कहा कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया है ताकि वे जेल से बाहर ना आ सकें। वहीं CBI ने कहा कि बेल के लिए केजरीवाल को पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए था।
जस्टिस सूर्यकांत और उज्जवल भुइयां की बेंच कर रही सुनवाई
सीएम अरविंद केजरीवाल की जमानत और CBI की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की बेंच सुनवाई कर रही है। अरविंद केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी रख रहे हैं। वहीं CBI की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू पैरवी कर रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल की ओर से वकील की दलीलें
1. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ये अनोखा मामला है। PMLA के सख्त नियमों के बावजूद केजरीवाल को 2 बार जमानत दे दी गई। CBI केस में जमानत क्यों नहीं मिल सकती है।
2. CBI की दलील है कि केजरीवाल सहयोग नहीं कर रहे हैं। कोर्ट के ही आदेश में कहा गया है कि ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि आरोपी खुद को दोषी बता दे।
3. केजरीवाल के वकील ने कहा कि अदालत को सिर्फ 3 सवालों पर ध्यान देना है। पहला- क्या केजरीवाल के भाग जाने का खतरा है ? दूसरा- क्या वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं ? तीसरा- क्या केजरीवाल गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं ?
4. अरविंद केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, उनके भागने की कोई आशंका नहीं, सबूतों से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि लाखों दस्तावेज और 5 चार्जशीट मौजूद हैं। गवाहों को प्रभावित करने का खतरा भी नहीं है। बेल की 3 जरूरी शर्तें हमारे पक्ष में हैं।
5. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस मामले में CBI दलील नहीं दे रहा है, कोई ऐसा आदमी बोल रहा है, जिसकी केस में दिलचस्पी है। CBI ने इंश्योरेंस अरेस्ट किया है। ऐसा इसलिए ताकि वे जेल से बाहर न आ सकें।
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CBI की ओर से वकील की दलीलें
1. CBI के वकील एसवी राजू ने कहा कि हमें जमानत पर आपत्ति है। यहां जमानत और गिरफ्तारी पर बहस को मिला दिया गया है। मनीष सिसोदिया, के. कविता सभी पहले जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट गए थे। केजरीवाल सांप-सीढ़ी के खेल की तरह शॉर्टकट अपना रहे हैं।
2. केजरीवाल को लगता है कि वे एक एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी व्यक्ति हैं, जिनके लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। हमारा कहना है कि गिरफ्तारी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहली अदालत नहीं होनी चाहिए। केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।
3. अरविंद केजरीवाल के वकील गिरफ्तारी पर सवाल उठा रहे हैं, इन्हें कानून ध्यान से पढ़ना चाहिए। गिरफ्तारी जांच का ही एक हिस्सा है। अगर जांच करने की शक्ति है, तो गिरफ्तार करने की भी शक्ति है।
4. एसवी राजू ने कहा कि हमें स्पेशल कोर्ट से परमिशन मिली, वारंट जारी हुआ, इसके बाद हमने गिरफ्तारी की। जब प्रोसेस फॉलो करते हैं, तो मौलिक अधिकार लागू नहीं होते।
5. एसवी राजू ने बताया कि CBI ने केजरीवाल को कोई नोटिस नहीं भेजा, क्योंकि वे पहले से ही कस्टडी में थे। अगर केजरीवाल को जमानत दी जाती है तो ये फैसला हाईकोर्ट को निराश करेगा।
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केजरीवाल को 12 जुलाई को मिली थी जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने ED के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को 12 जुलाई को जमानत दी थी। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा था कि केजरीवाल 90 दिन से जेल में हैं, इसलिए उन्हें रिहा किए जाने का निर्देश देते हैं। हम जानते हैं कि वे चुने हुए नेता हैं और ये उन्हें तय करना है कि वे मुख्यमंत्री बने रहना चाहते हैं या नहीं। हम ये मामला बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर रहे हैं। गिरफ्तारी की पॉलिसी क्या है, इसका आधार क्या है। इसके लिए हमने ऐसे 3 सवाल भी तैयार किए हैं। बड़ी बेंच अगर चाहे तो केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर बदलाव कर सकती है।