हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश: तुरंत पकड़ें आवारा कुत्ते
- 8 हफ्तों में 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम
- हेल्पलाइन से 4 घंटे में होगी त्वरित कार्रवाई
Supreme Court Order Stray Dogs News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में कुत्तों के काटने की घटनाओं में हो रही लगातार बढ़ोतरी पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को आदेश दिया है कि वे तत्काल प्रभाव से आवारा कुत्तों को पकड़ना शुरू करें और इस काम में किसी भी तरह की देरी या भावनात्मक दबाव को जगह न दी जाए। अदालत ने साफ किया है कि आम जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को बिना डर के सड़कों और पार्कों में घूमने का अधिकार है।
सभी इलाकों से तुरंत पकड़ें आवारा कुत्ते
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में तुरंत अभियान चलाकर सभी इलाकों से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि पकड़े गए कुत्तों को किसी भी हालत में वापस उन्हीं इलाकों में नहीं छोड़ा जाएगा। यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों को आवारा कुत्तों से मुक्त करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है।
8 हफ्तों में 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम
आज आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने हमारी No Dogs on Street Policy की मांग का समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगले 8 हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए।
मुझे उम्मीद है कि दिल्ली सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करेगी। इस कदम से… pic.twitter.com/tOKbQWsp1E
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) August 11, 2025
कोर्ट ने दिल्ली सरकार, MCD और NDMC को निर्देश दिया है कि 8 हफ्तों के अंदर लगभग 5000 कुत्तों के लिए शेल्टर होम तैयार करें। इन शेल्टर होम में नसबंदी, टीकाकरण और देखभाल के लिए पर्याप्त स्टाफ होना जरूरी है। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि शेल्टर की संख्या समय-समय पर बढ़ाई जाए ताकि किसी भी स्थिति में कुत्तों को सड़क पर न छोड़ा जाए।
हेल्पलाइन और 4 घंटे में कार्रवाई
जन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित अधिकारियों को 1 हफ्ते के अंदर एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आदेश दिया है, जिस पर कुत्तों के काटने की शिकायत तुरंत दर्ज हो सके। कोर्ट ने साफ किया कि शिकायत मिलने के 4 घंटे के अंदर कुत्ते को पकड़ना अनिवार्य होगा। अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस अभियान में बाधा डालेगा तो उसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा सर्वोपरि
कोर्ट ने कहा कि बच्चों, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए यह कदम बेहद जरूरी है, ताकि उन्हें रेबीज और हमलों के खतरे से बचाया जा सके। अदालत ने चेतावनी दी कि इस आदेश के पालन में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी लागू आदेश
सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के अधिकारियों को भी सुप्रीम कोर्ट ने यही निर्देश दिए हैं। सभी शहरों में आवारा कुत्तों को पकड़ने, शेल्टर बनाने और हेल्पलाइन शुरू करने का आदेश लागू होगा।
दिल्ली सरकार ने आदेश लागू करने का भरोसा दिलाया
दिल्ली के विकास मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार, सभी एजेंसियों के साथ मिलकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समयबद्ध तरीके से लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह कदम दिल्ली को रेबीज और आवारा पशुओं के भय से मुक्त करने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा।
इंदौर महापौर ने निर्णय का स्वागत किया
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा, “मैं लगातार यह कहता रहा हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के पूर्व आदेशों के कारण नगर निगमों के हाथ बंधे हुए थे। अब आशा की किरण नजर आती है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने स्वयं संज्ञान लेकर स्ट्रीट डॉग्स के मामले को गंभीरता से लिया है।”
उन्होंने बताया कि कोर्ट ने पहले चरण में एनसीआर क्षेत्र में 5,000 से अधिक आवारा कुत्तों को शेल्टर हाउस में स्थानांतरित करने का निर्णय सुनाया है। महापौर ने विश्वास जताया कि यह दिशा-निर्देश केवल एनसीआर तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि देश के अन्य नगर निगमों में भी लागू होंगे, जिससे डॉग बाइट के मामलों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।
महापौर भार्गव ने कहा, “यदि यह निर्देश केवल एनसीआर के लिए है तो इंदौर नगर निगम सुप्रीम कोर्ट में इंटरवेंशन एप्लिकेशन दायर करेगा और इंदौर की स्थिति भी न्यायालय के समक्ष रखेगा। हम अनुरोध करेंगे कि इंदौर जैसे बड़े शहरों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। नगर निगम शेल्टर हाउस बनाकर वहां डॉग्स को शिफ्ट करने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
महापौर ने प्रसन्नता जताई कि पुराने आदेशों के संदर्भ में अब नई दिशा खुल रही है, जिससे स्ट्रीट डॉग्स की समस्या के समाधान की राह आसान हो सकेगी।
क्यों लिया गया यह फैसला?
पिछले कुछ महीनों में दिल्ली-NCR में कुत्तों के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिनमें कई बच्चे और बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इस वजह से जनता में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया था। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि जब तक सख्त और सुनियोजित कदम नहीं उठाए जाते, तब तक इन घटनाओं पर काबू पाना मुश्किल होगा।
इसका असर क्या होगा?
इस आदेश के लागू होने के बाद उम्मीद है कि कुत्तों के काटने की घटनाओं में बड़ी कमी आएगी, जनता में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और दिल्ली-NCR को रेबीज मुक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठेंगे। साथ ही, यह अभियान पशु कल्याण और जनहित दोनों को संतुलित करेगा, क्योंकि पकड़े गए कुत्तों को उचित देखभाल के साथ शेल्टर में रखा जाएगा।
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