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SC News:सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए SC ने प्रोटोकॉल बनाने के दिए निर्देश, ड्राइवरों के काम के घंटों को लेकर जताई चिंता

Supreme Court On Road Accidents And Driver Working Hours: सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को समय पर चिकित्सकीय सहायता न मिल पाने के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए न्यायालय (SC News) ने इसे "गंभीर सार्वजनिक हित का विषय" बताया। पीठ ने अपने आदेश

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Ujjwal Rai
SC News:सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए SC ने प्रोटोकॉल बनाने के दिए निर्देश, ड्राइवरों के काम के घंटों को लेकर जताई चिंता

SC News: सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों को समय पर चिकित्सकीय सहायता न मिल पाने के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए न्यायालय (SC News) ने इसे "गंभीर सार्वजनिक हित का विषय" बताया। पीठ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि भारत में हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से कई मामलों में देरी से इलाज मिलने के कारण पीड़ितों की मौत हो जाती है या वे गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं। इसके अलावा कोर्ट ने ड्राइवरों के काम के घंटों को लेकर भी आदेश दिए हैं।

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"हमारे देश में सड़क दुर्घटनाओं (SC News) की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई बार पीड़ित घंटों तक वाहनों में फंसे रह जाते हैं, जबकि उन्हें तुरंत चिकित्सकीय सहायता की आवश्यकता होती है। यह स्थिति अस्वीकार्य है," न्यायालय ने कहा।

इस संदर्भ में, न्यायमूर्तियों ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छह महीने के भीतर एक प्रभावी "त्वरित प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल" विकसित करने का निर्देश दिया। इस प्रोटोकॉल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दुर्घटना स्थल (SC News) पर पीड़ितों को तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस प्रोटोकॉल में एम्बुलेंस सेवाओं की उपलब्धता, पुलिस और अस्पतालों के बीच समन्वय, तथा आम नागरिकों द्वारा प्राथमिक उपचार जैसे पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिए।

ड्राइवरों के कार्य घंटों पर सख्त निगरानी

दूसरे प्रमुख मुद्दे पर, न्यायालय (SC News) ने व्यावसायिक वाहन चालकों के कार्य घंटों से संबंधित मौजूदा नियमों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता जताई। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 91 और मोटर परिवहन कर्मचारी नियम, 1961 के तहत, ड्राइवरों को प्रतिदिन 8 घंटे और सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं है। हालांकि, व्यवहार में यह देखा गया है कि कई ड्राइवर थकान के कारण लंबे समय तक वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

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इस संदर्भ में, न्यायालय ने केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर इन नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक रणनीति तैयार करे। न्यायालय ने सुझाव दिया कि इसमें डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम, चालकों के कार्य घंटों का डेटा रिकॉर्ड करने के लिए तकनीकी समाधान, और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई जैसे उपाय शामिल होने चाहिए।

अगले कदम और समयसीमा

न्यायालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (SC News) को छह महीने के भीतर दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रोटोकॉल विकसित करने और उसे लागू करने का निर्देश दिया। साथ ही, सभी राज्य सरकारों को अगस्त 2024 तक ड्राइवरों के कार्य घंटों से संबंधित नियमों के पालन की स्थिति पर एक रिपोर्ट केंद्रीय मंत्रालय को सौंपनी होगी। इसके बाद, मंत्रालय को एक व्यापक रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी होगी, जिसके आधार पर आगे के निर्देश जारी किए जाएंगे।

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Road Accidents courts drivers work for hours
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