Advertisment

Supreme Court: ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को जारी किया नोटिस, मांगा 2 हफ्ते में जवाब

Supreme Court Notice: सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मस्जिद के अंदर ‘वजूखाना’ क्षेत्र के सीलबंद क्षेत्र का सर्वे करने के लिए नोटिस जारी किया है।

author-image
Shashank Kumar
Supreme Court Notice

Supreme Court Notice:सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को मस्जिद के अंदर ‘वजूखाना’ क्षेत्र के सीलबंद क्षेत्र का सर्वे करने के लिए नोटिस जारी (Supreme Court Notice) किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उनसे 2 सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने यह नोटिस हिंदू पक्ष की याचिका पर जारी किया है। इसमें वजूखाने का सर्वे कराने की मांग की गई थी। 

Advertisment

वजूखाना क्षेत्र में पाया गया था शिवलिंग: हिंदू पक्ष

हिंदू पक्ष का कहना है कि वीडियोग्राफिक सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में ‘शिवलिंग’ पाया गया था। वकील वरुण सिन्हा ने कहा कि वाराणसी जिला न्यायालय के सभी मुकदमों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया जाए। साथ ही, उन्हें समेकित कर दिया जाए। इससे इन मामलों की सुनवाई एक साथ हो सकेगी। सिन्हा ने कहा कि 16 मई, 2022 को हमने दावा किया था कि तथाकथित ‘वजूखाना’ क्षेत्र में एक शिवलिंग पाया गया था। 

अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने दावे को किया था खारिज

हालांकि इस दावे को अंजुमन इंतजामिया कमेटी खारिज कर चुकी है। कमेटी ने इसे फव्वारा बताया है। हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अंतरिम आवेदन दायर किया था, जिसे आज के लिए सूचीबद्ध किया गया था। अब इस मामले में नोटिस जारी किया गया है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की खंडपीठ ने सभी मामलों को 19 दिसंबर तक स्थगित कर दिया है। इन मामलों पर जल्द सुनवाई की मांग की गई है।  

ये भी पढ़ें: MP News: मंत्री Kailash Vijayvargiya की नेताओं को बड़ी सीख, बंसल न्यूज के कार्यक्रम में कही ये बात

Advertisment

क्या कहा मुस्लिम पक्ष के वकील ने?

इस याचिका के विरोध में मस्जिद समिति की ओर से सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने कहा कि मस्जिद समिति द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में पूजा स्थल अधिनियम 1991 के तहत प्रतिबंधित मुकदमों की स्थिरता पर सवाल उठाया गया, पर प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई होनी चाहिए। उक्त एसएलपी (जो आज सूचीबद्ध नहीं थी) इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की गई, जिसमें 1991 अधिनियम के तहत प्रतिबंध के कारण मुकदमों को खारिज करने के लिए सीपीसी के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद समिति की याचिका खारिज (Supreme Court Notice) कर दी गई थी।

ये भी पढ़ें: Varanasi Sai Baba Controversy: यूपी के वाराणसी में मंदिरों से हटवाई गई साईं बाबा की मूर्तियां, महाराष्ट्र में विरोध शुरू

ASI Survey Supreme Court Notice gyanwapi mosque kashi vishwath temple
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें