/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/MP-Civil-Judge-Exam-2022.webp)
MP Civil Judge Exam 2022
हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने MP सिविल जज भर्ती 2022 के लिए बड़ा फैसला
हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक, अनुभव की शर्त खारिज की
SC ने कहा-3 साल का अनुभव, 70% मार्क्स जरूरी नहीं
MP Civil Judge Exam 2022: सुप्रीम कोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा 2022 (MP Civil Judge Exam) को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के एक फैसले पर मंगलवार, 23 सितंबर को रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सिविल जज, जूनियर डिवीजन (प्रवेश स्तर) भर्ती-2022 की प्रक्रिया पूर्व के भर्ती नियमों के अनुसार की जाए।
एमपी हाईकोर्ट ने क्या किया था आदेश ?
जानकारी के अनुसार, मप्र हाईकोर्ट (MP High Court) जबलपुर ने 13 जून, 2024 को एक आदेश में कैंडिडेट के पास वकील के रूप में लगातार 3 साल का अनुभव या उत्कृष्ट लॉ ग्रेजुएट होना, सामान्य और ओबीसी के लिए 70% और एससी/एसटी के लिए 50% मार्क्स अनिवार्य कर दिए थे।
हाईकोर्ट (MP High Court) ने उन कैंडिडेट्स को बाहर करने का निर्देश दिया गया था, जिन्होंने सिविल जज, जूनियर डिवीजन (प्रवेश स्तर) भर्ती परीक्षा, 2022 की प्रारंभिक परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की थी। हालांकि, वे संशोधित भर्ती नियमों को पूरा करने में अयोग्य पाए गए थे।
'संशोधित नियम इस भर्ती पर लागू नहीं'
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ अपील मंजूर की। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस एएस चंदुरकर की खंडपीठ ने कहा, "पुनर्विचार अधिकार क्षेत्र का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट का 13 जून का आदेश रद्द किया जाता है। अपील स्वीकार की जाती है।"
खंडपीठ ने कहा, तीन साल की लगातार प्रैक्टिस या एक ही प्रयास में 70% अंकों के साथ LLB डिग्री उत्तीर्ण करने की शर्तें... जो 2023 के संशोधन के माध्यम से शुरू की गईं, सिविल जज 2022 की भर्ती पर लागू नहीं होगी।
पहले एमपी में क्या थे भर्ती नियम
मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती एवं सेवा शर्तें) नियम, 1994 में संशोधन करते हुए संशोधित भर्ती नियम 23 जून, 2023 को अधिसूचित किए गए थे। इनमें कहा गया कि सिविल जज के लिए कैंडिडेट्स के पास या तो वकील के रूप में लगातार 3 वर्षों का अनुभव होना चाहिए या उत्कृष्ट लॉ ग्रेजुएट होना चाहिए, जिनका शैक्षणिक जीवन शानदार रहा हो, जिन्होंने "पहले प्रयास में सभी परीक्षाएं उत्तीर्ण" की हों और सामान्य एवं OBC श्रेणियों के लिए कुल मिलाकर "कम से कम 70 प्रतिशत अंक" प्राप्त किए हों। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% मार्क जरूरी हैं।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था ?
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में अपने आदेश में कहा था, "हमारी समझ से अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति नहीं की जा सकती। हालांकि, अंतरिम आदेशों के कारण कुछ अयोग्य उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। अंततः केवल उन्हीं उम्मीदवारों पर विचार किया जा रहा है, जो पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। इस बीच, विवादित आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाती है।"
देश में पहली बार 5 वकीलों का रजिस्ट्रेशन सस्पेंड: कोर्ट में प्रैक्टिस पर बैन, स्टेट बार काउंसिल ने क्यों लिया एक्शन
MP Lawyers Registration Suspend: स्टेट बार काउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश ने एक मामले में 5 वकीलों का रजिस्ट्रेशन (सनद) सस्पेंड कर दिया है। इन वकीलों को उज्जैन के पत्रकार घनश्याम पटेल पर जानलेवा हमला करने के मामले में दोषी पाया गया। इसके बाद काउंसिल ने यह कार्रवाई की। काउंसिल के अनुसार संभवत: ऐसा पहली बार हुआ है जब 5 वकीलों की सनद निलंबित की गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/MP-Lawyers-Registration-Suspend.webp)
चैनल से जुड़ें