Aakriti Builder Fraud: राजधानी भोपाल के बहुचर्चित आकृति बिल्डर से जुड़े मामले में बड़ा अपडेट आया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आकृति बिल्डर यानी एजी—8 वेंचर्स (AG8 Ventures Ltd) के एमडी हेमंत सोनी, डायरेक्टर राजीव सोनी और सोनक सुधीर को 16 फरवरी को स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया है।
मामला आकृति एक्वासिटी के 48 होम बायर्स को फुल रिफंड देने से जुड़ा हुआ है। आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) अब तक इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष होम बायर्स को अब तक पैसा नहीं दिये जाने के पीछे का सही कारण नहीं बता सका है।
जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) के बोर्ड से जुड़े एमडी और डायरेक्टर्स को तलब कर लिया है। इससे अब आकृति बिल्डर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट में चल रही है अवमानना याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आकृति बिल्डर के खिलाफ अवमानना याचिका की सुनवाई चल रही है। दरअसल आकृति एक्वासिटी के होम बायर्स को जब लंबे समय तक अपनी प्रॉपर्टी का पजेशन नहीं मिला तो होम बायर्स ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCRDC) के समक्ष अपील दायर कर दी।
एनसीआरडीसी (NATIONAL CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION) ने 27 अक्टूबर 2021 को होम बायर्स के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) को ब्याज सहित पैसा लौटाने का आदेश दिया।
इस आदेश के खिलाफ आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) ने नवंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन यह दाव उल्टा पड़ गया। सुप्रीम कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2022 को फैसले को यथावत् रखते हुए आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) को दो महीने के अंदर होम बायर्स को पैसा रिफंड करने का आदेश दिया।
जब होम बायर्स को फिर भी पैसा नहीं मिला तो जनवरी 2023 में सुप्रीम कोर्ट में आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई। अभी इसी मामले में सुनवाई हो रही है।
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तारीखों में उलझी होम बायर्स की जमापूंजी
आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) मामले में एक साथ कोर्ट और न्यायिक प्राधिकरण में सुनवाई होने से होम बायर्स की जमापूंजी लंबे समय से तारीखों के बीच उलझकर रह गई है।
आकृति बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) को राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (NCLT) की इंदौर बेंच ने 5 अगस्त 2022 को दीवालिया (Insolvent) घोषित कर दिया। यानी सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने से करीब दो महीने पहले ही बिल्डर दीवालिया घोषित हो गया। पूरी प्रक्रिया इंसॉल्वेंसी प्रॉफेशनल के हाथों में चली गई। होम बायर्स को पैसा रिफंड नहीं मिल सका।
8 दिसंबर 2023 को राष्ट्रीय कम्पनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने दीवालिया वाले आदेश को निरस्त कर दिया। जिसके बाद आकृति बिल्डर का बोर्ड वापस बहाल हो गया। अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश का पालन करने की पूरी जिम्मेदारी वापस बिल्डर (Aakriti Builder Fraud) की हो गई है।
इसके बाद लोगों को अपना पैसा रिफंड होने की उम्मीद जगी है। मामले में एजी—8 वेंचर्स यानी आकृति बिल्डर के एमडी हेमंत सोनी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने की बात कही है।
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