Rajiv Gandhi Assassination Case : सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे आरोपी एजी पेरारिवलन को जमानत दे है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है। जेल के अंदर उसका आचरण अच्छा रहा है। इसलिए उसे जमानत दी जाती है। बता दें कि शीर्ष अदालत पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें उन्होंने दया की मांग की थी।
1991 में हुई थी राजीव गांधी की हत्या
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 की रात में तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हुई थी। राजीव गांधी की हत्या एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा की गई थी। चुनावी रैली के दौरान हत्यारे की पहचान धनु के रूप में हुई थी। राजीव गांधी उस दौरान लोकसभा चुनावों को लेकर रैलियां कर रहे थे। उस समय तमिलनाडु में लिट्टे का काफी प्रभाव था। राजीव गांधी कई सालों से आतंकी संगठन लिट्टे के निशाने पर थे।
हमले मे मारे गए थे 14 लोग
इस आत्मघाती हमले में 14 लोग मारे गए थे। देश में आत्मघाती बम विस्फोट का पहला मामला था जिसमें एक हाई-प्रोफाइल नेता की हत्या हुई हो। मई 1999 के अपने आदेश में, शीर्ष अदालत ने चार दोषियों-पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी की मौत की सजा को बरकरार रखा था। 18 फरवरी, 2014 को, शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इसके अलावा दो अन्य कैदियों-संथान और मुरुगन के साथ-साथ उनकी दया याचिका पर फैसला किया गया था। अदालत ने तीनों की मौत के सजा को 11 साल की देरी के आधार पर उम्रकैद में बदल दिया था।