नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को धनशोधन के एक मामले में चिकित्सकीय आधार पर दी गई। अंतरिम जमानत की अवधि सोमवार को 24 जुलाई तक बढ़ा दी।
न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश की पीठ ने जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी को चिकित्सकीय रिपोर्ट अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस. वी. राजू को सौंपने का निर्देश दिया। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि तीन अस्पतालों ने जैन को सर्जरी कराने का सुझाव दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने जैन को 26 मई को चिकित्सकीय आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। प्रवर्त निदेशालय ने जैन को उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धनशोधन करने के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था।
सीबीआई ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में जैन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसके बाद एजेंसी ने मामले से जुड़े धन शोधन के मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर 2019 को निचली अदालत द्वारा नियमित जमानत दे दी गई थी।
मनी लॉन्ड्रिंग केस में किया गया था गिरफ्तार
सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी सोमवार को एक बार फिर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत दो हफ्ते के लिए बढ़ा दी गई है। मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होनी है। सत्येंद्र जैन एक साल से ज्यादा समय से जेल में बंद रहे। उन्हें मनी लान्ड्रिंग से जुड़े केस को लेकर गिरफ्तार किया गया था। सत्येंद्र जैन की यह गिरफ्तारी पिछले साल 31 मई को हुई थी।
वहीं गिरफ्तारी के बाद से ही सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ने की खबरें सामने आ रही थीं।
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