Akshay Bam Name Withdrawal Case: इंदौर में अक्षय बम नाम वापसी केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। SC बेंच ने कांग्रेस को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी और याचिका खारिज कर दी। कोर्ट में करीब 4-5 मिनट बहस चली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप लेट हो गए, डाक मत पत्र की वोटिंग हो चुकी है, ऐसे में चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दे सकते।
इंदौर लोकसभा में 13 मई को वोटिंग
इंदौर लोकसभा में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है। कांग्रेस नेता मोती सिंह पटेल के वकील विभोर खंडेलवाल ने बताया कि 13 मई से पहले मामले की सुनवाई होनी थी। हमने पहले इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। वहां से हमें चुनाव याचिका दायर करने की सलाह दी गई, क्योंकि चुनाव याचिका इलेक्शन होने के बाद ही दायर हो सकती है। हमारे लिए ये अभी संभव नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई थी।
कांग्रेस के सब्स्टीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह
कांग्रेस के B फॉर्म में मुख्य प्रत्याशी अक्षय बम के साथ सब्सटीट्यूट कैंडिडेट के रूप में मोती सिंह पटेल का नाम शामिल था। इसके बावजूद उनका फॉर्म B के साथ निर्दलीय की तरह 10 प्रस्तावक नहीं होने के आधार पर रद्द कर दिया गया। हमारा कहना था कि जब मुख्य प्रत्याशी ही मैदान छोड़ गया तो हमारा चुनाव लड़ने का अधिकार ही उसके बाद शुरू होता है, जो हमें दिया जाए।
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हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज की थी अपील
इंदौर हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कांग्रेस के सब्सटीट्यूट कैंडिडेट मोती सिंह की अपील 4 मई को खारिज की थी। इसके पहले हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 30 अप्रैल को मोती सिंह पटेल की याचिका खारिज की थी। वहीं अब कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी, जहां से भी उसे निराशा ही हाथ लगी।