EVM-VVPAT Verification Case:सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग से कुछ तकनीकी स्पष्टीकरण के बाद 100 फीसदी ईवीएम-वीवीपीएटी (EVM-VVPAT ) वेरिफिकेशन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।
100 फीसदी EVM-VVPAT की जांच करने के लिए दायर याचिका की सुनवाई कर रही जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने चुनाव आयोग से कुछ स्पष्टीकरण मांगा और फिर मामले को आज के लिए स्थगित कर दिया।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग ने मतदान के लिए इस्तेमाल होने वाली वोटिंग मशीन और इसके बाद वोटिंग की पुष्टि करने के लिए दी जाने वाली VVPAT स्लिप को लेकर सुनवाई कर रही है और इसकी तकनीकी जानकारी को समझने के लिए चुनाव आयोग को तलब किया था।
सुप्रीम कोर्ट आज वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के साथ EVM का उपयोग करके डाले गए वोटों की क्रॉस-वेरिफिकेशन की मांग करने वाली याचिकाओं और आवेदनों (petitions and applications) पर निर्देश जारी करेगी।
Complete EVM-VVPAT verification: Supreme Court seeks some clarification from the Election Commission of India in a matter relating to 100% verification of EVM votes with VVPAT slip and asks its officer to be present before it and respond to some of its queries at 2 pm today. pic.twitter.com/LSada76h3K
— ANI (@ANI) April 24, 2024
शीर्ष अदालत (Supreme Court) आवेदन दाखिल करने वाले बचे हुए पक्षकारों की pleas पर भी गौर कर निर्देश जारी कर सकती है। VVPAT एक स्वतंत्र वोट वेरिफिकेशन सिस्टम (Independent Vote Verification System) है, जिसमें वोटर यह देख सकता है कि उनका वोट सही तरीके से पड़ा है या नहीं।
2 बजे होनी है सुनवाई
सर्वोच्च न्यायलय ने ECI के अधिकारी को आज दोपहर 2 बजे उसके समक्ष उपस्थित होने और उसके कुछ प्रश्नों का जवाब देने के लिए कहा। VVPAT एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है जो मतदाताओं (Voters) को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
अब तक सुनवाई में क्या हुआ
मतदाताओं की electoral system में संतुष्टि और भरोसा के महत्व को रेखांकित करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने petitioners से कहा था कि वे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) की प्रभाविता पर संदेह नहीं करें और अगर Election Commission अच्छा काम करता है तो उसकी सराहना करें।
याचिकाकर्ताओं ने मतपत्रों (ballot papers) के जरिए मतदान की व्यवस्था की ओर वापस लौटने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की Bench ने EVM के जरिए डाले गए मतों का वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) के साथ पूर्ण मिलान की मांग वाली विभिन्न याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा था कि हर चीज पर संदेह करना एक समस्या है।
क्या है VVPAT?
VVPAT एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली (independent vote verification system) है जिसके तहत मतदाता देख सकते हैं कि उनका वोट सही तरीके से डाला गया है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी उस समय की जब याचिकाकर्ता Non government organization एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने VVPAT मशीनों पर transparent glass को अपारदर्शी कांच (opaque glass) से बदलने के आयोग के 2017 के फैसले को उलटने की मांग की है, जिसके जरिए कोई मतदाता केवल 7 सेकंड के लिए रोशनी चालू होने पर ही पर्ची देख सकता है।
तब भूषण ने कहा था कि मैं समझता हूं कि चुनाव एकदम नजदीक है। ऐसे में जल्द हमारी मांग पर अदालत को जल्द फैसला देना चाहिए।
2014 के लोकसभा चुनावों में लाई गई थीं VVPAT मशीनें
ECI की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि EVM ऐसी मशीनें है जिनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, लेकिन मानवीय त्रुटि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
विपक्ष इंडिया गठबंधन ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए VVPAT की 100 % गिनती की मांग की है। VVPAT को पहली बार 2014 के लोकसभा चुनावों में पेश किया गया था और यह मूल रूप से EVM से जुड़ी एक मतपत्र-रहित वोट सत्यापन प्रणाली (Ballot-less Vote Verification System) है।