Advertisment

Sunita Williams: सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी पर टिकी सबकी निगाहें, ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग में ये चुनौतियां

Sunita Williams Dragon Capsule Landing: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मर स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती की ओर रवाना हो चुके हैं।

author-image
Shashank Kumar
Sunita Williams Dragon Capsule Landing challenges

Sunita Williams Dragon Capsule Landing challenges

हाईलाइट्स: 

  • सुनीता विलियम्स के ड्रैगन कैप्सूल की लैंडिंग में चुनौतियां
  • पैराशूट की टाइमिंग, टेक्निकल ग्लिच और खराब मौसम खतरनाक
  • नासा और स्पेसएक्स की निगरानी जारी
Advertisment

Sunita Williams Dragon Capsule Landing: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मर स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती की ओर रवाना हो चुके हैं। उनकी लैंडिंग बुधवार तड़के 3:30 बजे के आसपास हो सकती है। हालांकि, वैज्ञानिकों की नजरें लैंडिंग पर बनी हुई हैं क्योंकि इसमें कई जोखिम जुड़े हैं, जिनमें मौसम खराब होना, पैराशूट का सही समय पर न खुलना और तकनीकी गड़बड़ियां शामिल हैं।

— NASA (@NASA) March 18, 2025


वायुमंडल में प्रवेश: सबसे खतरनाक चरण 

स्पेसक्राफ्ट के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश को "रिएंट्री" कहा जाता है। यह लैंडिंग का सबसे महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसमें स्पेसक्राफ्ट को सटीक एंगल और स्पीड के साथ एंट्री करनी होती है। यदि यह एंगल जरा भी बिगड़ा, तो स्पेसक्राफ्ट या तो क्रैश कर सकता है या फिर वायुमंडल से टकराकर वापस स्पेस में चला जा सकता है।
अतीत में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। 1 फरवरी 2003 को नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री कल्पना चावला समेत सात अंतरिक्षयात्रियों की मृत्यु हो गई थी। इसीलिए, वैज्ञानिक स्पेसक्राफ्ट के हर चरण को बारीकी से मॉनिटर कर रहे हैं।

पैराशूट नहीं खुले तो क्या होगा? 

sunita williams home coming

  • स्पेसक्राफ्ट के पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के बाद सबसे बड़ा जोखिम पैराशूट के समय पर खुलने का होता है।
  • यदि पैराशूट सही समय पर नहीं खुलता, तो स्पेसक्राफ्ट तेजी से समुद्र में टकराएगा, जिससे अंतरिक्षयात्रियों की जान को खतरा हो सकता है।
  • लैंडिंग के समय सबसे पहले 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो ड्रैग पैराशूट खुलेंगे और फिर 6,000 फीट पर मेन पैराशूट खुलेंगे।
  • किसी भी तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति में रिजर्व पैराशूट का उपयोग किया जाएगा।
Advertisment

तकनीकी गड़बड़ियां और मौसम का प्रभाव 

इस लैंडिंग के दौरान कई तकनीकी और पर्यावरणीय चुनौतियां आ सकती हैं। 

थ्रस्टर फेल होना: 

थ्रस्टर स्पेसक्राफ्ट की स्पीड और डायरेक्शन को नियंत्रित करता है। यदि यह फेल हो जाता है, तो लैंडिंग बेहद मुश्किल हो सकती है।

खराब मौसम: 

अगर लैंडिंग साइट पर तूफान या तेज हवाएं हैं, तो स्पेसक्राफ्ट को किसी वैकल्पिक स्थान पर उतारा जा सकता है।

संचार में रुकावट: 

रिएंट्री के दौरान कुछ मिनटों के लिए संपर्क टूट सकता है, जिससे वैज्ञानिकों को रियल-टाइम डेटा नहीं मिलेगा।

Advertisment

सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) की वापसी के चरण 

  • प्रेशर सूट पहनना और हैच सील करना: अंतरिक्षयात्रियों को सबसे पहले प्रेशर सूट पहनना होता है और हैच को सील किया जाता है।
  • स्पेसक्राफ्ट की अनडॉकिंग: ISS से अलग होने के लिए थ्रस्टर फायर किया जाता है।
  • डीऑर्बिट बर्न: स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की कक्षा में लाने के लिए इंजन फायर किए जाते हैं।
  • वायुमंडल में प्रवेश: यह चरण सबसे अधिक जोखिम भरा होता है, क्योंकि स्पेसक्राफ्ट 27,000 किमी/घंटे की रफ्तार से एंट्री करता है।
  • पैराशूट का खुलना: सही समय पर पैराशूट खुलने से लैंडिंग सुरक्षित होती है।
  • स्प्लैशडाउन: लैंडिंग फ्लोरिडा के तट के पास समुद्र में होगी। मौसम खराब होने की स्थिति में स्थान बदला जा सकता है।

ये भी पढ़ें:  Gratuity Rules & Calculation: कर्मचारियों को कब मिलती है ग्रेच्युटी? क्या हैं इसके नियम और कैसे तय होता है अमाउंट?

नासा और स्पेसएक्स की निगरानी जारी

[caption id="attachment_778929" align="alignnone" width="654"]suneeta स्पेसक्राफ्ट में सुनीता विलियम्स[/caption]

Advertisment

नासा और स्पेसएक्स की टीमें हर संभावित चुनौती के लिए तैयार हैं। स्पेसक्राफ्ट को मॉनिटर किया जा रहा है और किसी भी आपात स्थिति के लिए बैकअप प्लान मौजूद हैं।
यदि सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और उनके साथियों की धरती पर सुरक्षित वापसी होगी। लैंडिंग से जुड़ी ताजा अपडेट के लिए नासा और स्पेसएक्स की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया पेज पर नजर बनाए रखें।
सुनीता विलियम्स की यह अंतरिक्ष यात्रा ऐतिहासिक रही है। हालांकि, उनकी धरती पर सुरक्षित वापसी में मौसम, पैराशूट और तकनीकी गड़बड़ियां बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं। वैज्ञानिक हर पल इस मिशन को निगरानी में रखे हुए हैं और उम्मीद है कि यह लैंडिंग सफलतापूर्वक संपन्न होगी।

ये भी पढ़ें:  KVS Admission 2025: केंद्रीय विद्यालय में इन स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा दाखिला, जानें एडमिशन के लिए नियम और शर्तें

sunita williams Dragon Capsule Landing Dragon Capsule Landing Challenges spacex difficulties
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें