Success Story: 9वें एशियन गेम्स में मध्यप्रदेश के प्लेयर्स का शानदार प्रदर्शन जारी है। पहले भोपाल की आशी चोकसे और अब मनीषा और इटारसी की प्रीति ने देश को पदक दिलवाया है। प्रदेश के खिलाड़ी देश को 12 मेडल दिला चुके हैं, जिनमें चार गोल्ड 6 सिल्वर और दो ब्रांच शामिल हैं।
भोपाल की मनीषा कभी अपने पिता के साथ तालाब में सिंघाड़े तोड़तीं थीं और मछलियां पकड़ती थीं। आज मनीषा देश के लिए मेडल जीत रही हैं। 19वें एशियन गेम्स में मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी की स्टार शूटर मनीषा ने अपने निशाने से सबका दिल जीत लिया है।
पिता करते है सिंघाड़े तोड़ने और मछली पकड़ने का काम
मनीषा के पापा कैलाश कीर और माता शकुंतला कीर जीवनयापन के लिए तालाब में सिंघाड़े तोड़ने और मछली पकड़ने का काम करते हैं। एक साधारण और छोटे परिवार से आने वाली मनीषा की उपलब्धि पर उसके माता-पिता बेहद खुश हैं।
ओलंपिक की तैयारी
मनीषा का अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लाना है। इसके लिए वे जनवरी में दिल्ली में होने वाले सिलेक्शन ट्रायल की तैयारी में जुटी हैं। 13 साल की उम्र में निशाना लगाना सीखने वाली मनीषा अपनी सफलता पर खुश हैं, लेकिन उनका कहना है कि अभी ओलंपिक बाकी है। मनीषा पहले भी कई मेडल अपने नाम कर चुकी हैं।
बहनों ने यहां पहुंचाया
रजत पदक जीतने वाली मनीषा की और प्रीति रजक की कहानी में एक बात कॉमन है। इन दोनों की ही बहनें पहले से एमपी खेल अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थीं अपनी बहनों की प्रेरणा पर ही इन दोनों ने अकादमी को ज्वाइन किया था। जहां मनीषा की बहन वॉटर स्पोर्ट्स में है वहीं प्रीति की बहन भी अच्छी निशानेबाज हैं।
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